यमुना का जलस्तर बढ़ने से ताज को खतरा नहीं
आगरा, 27 सितम्बर (आईएएनएस)। यमुना के जलस्तर में वृद्धि से ताजमहल को खतरा नहीं बल्कि उसे फायदा ही होगा। यह कहना है स्मारकों के संरक्षण के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था का।
आगरा, 27 सितम्बर (आईएएनएस)। यमुना के जलस्तर में वृद्धि से ताजमहल को खतरा नहीं बल्कि उसे फायदा ही होगा। यह कहना है स्मारकों के संरक्षण के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था का।
इससे पूर्व आगरा जिला प्रशासन ने कहा था कि यमुना के जलस्तर में वृद्धि ताजमहल के लिए खतरा है। दूसरी ओर 'ब्रज मंडल विरासत संरक्षण समाज' के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा का कहना है कि यमुना के किनारे स्थित ये इमारते 400 से ज्यादा बरस पुरानी हैं और तब से कई बार बाढ़ आई है।
शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "यह सच है कि यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन इससे ताजमहल को लाभ ही पहुंचेगा।" उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षो से इतिहासकार और संरक्षणवादी यह मांग करते आए हैं कि ताजमहल की सुरक्षा के लिए यमुना में भरपूर पानी रहना चाहिए।
मुगल इतिहासकार आर. नाथ ने भी बताया कि ताजमहल के मूल डिजायन के मुताबिक भी यमुना में हमेशा भरपूर पानी रहना चाहिए। ताजमहन के मूल डिजायन में यमुना को उसका अभिन्न अंग बताया गया है।
आगरा स्थित सेंट जॉन महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रमुख अमित मुखर्जी ने कहा कि बाबर काल में यमुना समुद्र की तरह थी। उन दिनों उसकी लहरें ताज के पिछले हिस्से से टकराती थीं जिससे उसकी नींव में नमी बरकरार रहती थी।
एक अन्य इतिहासकार आर. सी. शर्मा का कहना है कि यदि यमुना का जलस्तर कम रहता है तो यह ताजमहल के लिए एक बड़ा खतरा है।
गौरतलब है कि बुधवार को आगरा के जिलाधिकारी अनिल कुमार ने संवाददाताओं को बताया था कि यमुना के बढ़ते जलस्तर से ताजमहल और अन्य मुगलकालीन स्मारकों को खतरा हो सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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