नानावटी रिपोर्ट से विपक्ष असहमत
राज्य विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई इस रिपोर्ट के विरोध में बोलते हुए राजनीतिक पार्टियों ने आरोप लगाया है कि नानावटी आयोग का गठन लोगों को गुमराह करने के लिए हुआ।
बीजेपी ने जहां रिपोर्ट को एकदम सही ठहराया है। बीजेपी का दावा है कि इस रिपोर्ट से रेल मंत्री लालू प्रसाद की साबरमती एक्सप्रेस के कोच में आग लगने की घटना को हादसा बताने की बात गलत साबित हुई है। वीएचपी के महासचिव प्रवीण तोगडि़या ने कहा कि रिपोर्ट में साफ हो गया है कि साबरमती एक्सप्रेस में एक सोची समझी साजिश के तहत हमला किया गया।
बीजेपी ने मांग की है कि नानावटी आयोग की रिपोर्ट के नतीजे के आधार पर ही न्यायालय में सुनवाई हो। यह रिपोर्ट दोषियों को सजा दिलाने में काफी कारगर साबित होगी।
सीपीआई का कहना है कि रिपोर्ट में भेदभाव किया गया है। सीपीआई ने रिपोर्ट को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। पार्टी नेताओं का कहना है कि वो इसका विरोध करेंगे।
कांग्रेस
का
कहना
है
कि
समिति
का
गठन
करने
वाले,
रिपोर्ट
पाने
वाले
और
मुख्य
अभियुक्त
जब
एक
ही
हों
तब
ऐसी
रिपोर्ट
के
आने
पर
कोई
बड़ा
आश्चर्य
नहीं
है।
रेल
मंत्री
लालू
प्रसाद
ने
कहा
कि
अगर
मोदी
को
सजा
मिल
चुकी
होती
तो
कोई
भी
युवा
आतंकवादी
नहीं
बनता।
उन्होंने
कहा
कि
मोदी
को
लोग
कभी
निर्दोष
नहीं
मानेंगे।
सामाजिक
कार्यकर्ता
तीस्ता
शीतलवाड़
ने
मोदी
द्वारा
रिपोर्ट
को
विधानसभा
में
पेश
किये
जाने
को
कोर्ट
की
अवमानना
करार
दिया
है।