मप्र में कुपोषण से हुई मौतों पर उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा
जबलपुर, 26 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कुपोषण से हुई बच्चों की मौत पर भोजन का अधिकार अभियान और सहयोगी समूह द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव और प्रभावित 4 जिलों के कलेक्टरों से जवाब मांगा है। साथ ही 13 अक्टूबर तक समेकित बाल विकास योजना के क्रियान्वयन का हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
मध्यप्रदेश के खंडवा, सतना, शिवपुरी और श्योपुर जिलों में फैले कुपोषण के चलते 163 बच्चों की मौत हुई है। इस पर भोजन का अधिकार अभियान समूह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है।
मुख्य न्यायाधीश ए़ क़े पटनायक और न्यायाधीश अजीत सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस संभावना को नहीं नकारा जा सकता कि बच्चों की मौत कुपोषण से हुई है। सरकार ने जो रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की है उसमें उसने बच्चों की मौत के कारणों का कोई उल्लेख नहीं किया है और हमें नहीं मालूम कि सरकार की रिपोर्ट आने तक क्या स्थिति होगी।
न्यायाधीश ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव राकेश साहनी और कुपोषण प्रभावित चारों जिलों के कलेक्टरों से हलफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने प्रदेश सरकार से 13 अक्टूबर के पूर्व जवाब मांगा है।
उच्च न्यायालय ने सरकार की ओर से 25 सितंबर तक कुपोषण की स्थिति का ब्योरा न प्रस्तुत किए जाने पर फटकार भी लगाई। सरकार की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार शुक्ला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रभावित जिलों में अधिकारी दौरा कर रहे हैं और रिपोर्ट बनाई जा रही है। याचिकाकर्ता के वकील राघवेंद्र कुमार ने सरकार पर गलत और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप लगाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।