गुजकोक को हरी झंडी देने के लिए राष्ट्रपति से अपील
अहमदाबाद, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। गुजरात विधानसभा ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से काफी अरसे से लंबित पड़े गुजरात संगठित अपराध नियंत्रण कानून (गुजकोक) पर केंद्र सरकार की मुहर लगवाने के मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चूंकि गुजरात तटीय क्षेत्र में बसा राज्य है, इसलिए आतंकवादी संगठन इसका फायदा उठाकर राज्य को खतरे में डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने 2003 में गुजकोक विधेयक राज्य विधानसभा से पारित करवाया था। जून 2004 में इसे फिर से राष्ट्रपति की मुहर के लिए भेजा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई दफा केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा, लेकिन इसके बावजूद कुछ नहीं हो सका।
कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के इस आग्रह को राजनीति से प्रेरित बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने कहा, "सत्ताधारी भाजपा गुजकोक के नाम पर राजनीति कर रही है। पहली बार गुजकोक कानून जब राज्य विधानसभा से पारित कराया गया था तो उस वक्त केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी। राजग ने इस विधेयक को दो सालों तक लंबित रखा। इसलिए कानून को मंजूरी मिलने में हो रही देरी के लिए कांग्रेस को दोष देना उचित नहीं है।"
विपक्ष के इस आरोप का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) जब केंद्र के पास भेजा गया था, तो केंद्र ने उसमें दो बदलाव का सुझाव दिया था। बदलाव के बाद जब इसे फिर से केंद्र सरकार को भेजा गया तो उसने अपनी मुहर लगा दी। गुजरात के साथ भी ऐसा ही हुआ। हमने भी दोनों बदलावों को करने के बाद विधेयक को केंद्र सरकार के पास भेजा लेकिन केंद्र ने इसे अभी तक रोके रखा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।