एएफसी की शर्ते पूरी नहीं कर पा रहे हैं आई-लीग के कोच
नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत की एकमात्र पेशेवर फुटबाल प्रतियोगिता आई-लीग का दूसरा संस्करण शुक्रवार से शुरू हो रहा है, लेकिन इसमें खेलने वाली टीमों के ज्यादातर कोच एशियाई फुटबाल महासंघ (एएफसी) की लाइसेंस संबंधी शर्ते पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
एएफसी की प्रो-लीग के आधार पर शुरू की गई इस प्रतियोगिता के लिए कोचों के पास एएफसी-ए लाइसेंस, प्रो-लाइसेंस या उसके समतुल्य कोई अन्य लाइसेंस होना अनिवार्य है।
अखिल भारतीय फुटबाल संघ (एआईएफएफ) ने पिछले वर्ष फुटबाल की विश्व संस्था फीफा से क्लब लाइसेंस प्रणाली में छूट देने का आग्रह किया था। एआईएफएफ ने एएफसी-बी लाइसेंस धारकों को आई-लीग में कोच बनने देने की छूट मांगी थी।
एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कई कोचों के पास एएफसी की शर्ते पूरी करने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं है। इससे भारत के एएफसी चैंपियंस लीग में पहुंचने की उम्मीदों को झटका लग सकता है। चैंपियंस लीग के नियमों के मुताबिक इसमें खेलने वाली क्लबों के कोचों के पास ए-लाइसेंस या फिर प्रो-लाइसेंस होना अनिवार्य है।
फिलहाल आई-लीग में खेलने वाली 12 टीमों में से सिर्फ चार के कोच एएफसी की शर्ते पूरी करने की स्थिति में हैं। डेंपो के कोच अर्माडो कोलाको, स्पोर्टिग क्लब डी गोवा के कोच एकेंद्र सिंह और ईस्ट बंगाल के कोच स्टेनली रोसारियो के पास प्रो-लाइसेंस है, जबकि महेंद्रा युनाइटेड के कोच डेरेक परेरा के पास ए-लाइसेंस है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।