पहचान पत्र के लिए मलेशियाई नागरिक की सुल्तान से गुहार
कुआलालंपुर, 25 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक मलेशियाई नागरिक ने सरकार के पहचान पत्र दिए जाने से इनकार करने के बाद पेराक राज्य के संवैधानिक प्रमुख सुल्तान अजलान शाह से मदद मांगने का निर्णय लिया है।
समाचार पत्र 'द न्यू स्ट्रेट टाइम्स' ने गुरुवार को रिपोर्ट प्रकाशित की है कि आर.रघु अपनी दमा की मरीज पत्नी और तीन बच्चों के साथ देश के दक्षिणी जोहार राज्य के सेगमांट से उत्तरी राज्य पेराक में अपना पहचान पत्र हासिल करने आए हैं।
राष्ट्रीय पंजीकरण विभाग (एनआरडी) ने रघु को अपना पहचान पत्र 'माईकाड' हासिल करने के लिए पेराक के शाही प्रमुख के पास अपील करने को कहा है।
पेराक राज्य के एक्जक्यूटिव काउंसलर ए. शिवानेसन के कार्यालय सामने रघु ने संवाददाताओं से कहा,"सुल्तान ही मेरे अंतिम आश्रय हैं, स्थायी पहचान पत्र हासिल करने के लिए मुझे उनकी मदद की जरूरत है।"
रघु की समस्याएं तब शुरू हुईं जब चार वर्ष की उम्र में उसके अभिभावकों ने उसका परित्याग कर दिया। पुलिस ने उसे सड़क किनारे पाया और सामाजिक कल्याण विभाग को सौंप दिया। वहां रघु 16 वर्ष की उम्र तक रहा।
दस साल पहले विभाग ने उसे एक जन्म प्रमाण-पत्र दिया जिसमें उसके पिता का नाम राजमणि और जन्मस्थान पेराक का बागान सेराई लिखा है। रघु अपने वास्तविक पिता और जन्मस्थान का नाम नहीं जानता है।
वर्ष 2004 में एनआरडी ने रघु के अस्थायी दस्तावेजों के नवीनीकरण से इनकार कर दिया।
चार वर्ष तक एनआरडी के चक्कर लगाने के बाद उनको कहा गया कि केवल सुल्तान ही पहचान पत्र दिलाने में उसकी मदद कर सकते हैं। बिना स्थायी पहचान पत्र के रघु को नौकरी मिलने में काफी परेशानी होती हैं। उनकी पत्नी भी दमा की रोगी होने के कारण काम नहीं कर सकतीं।
इंडों-एशियन न्यूज सर्विस।