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जांच आयोग ने कहा, पूर्व नियोजित था गोधरा कांड (लीड-1)

By Staff
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अहमदाबाद, 25 सितम्बर (आईएएनएस)। नानावती आयोग ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि फरवरी 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को आग लगाने की घटना पूर्व नियोजित थी।

इस घटना में 59 लोगों की जानें गई थीं और इसके बाद समूचे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी।

गुरुवार को भारी हंगामे के बीच गुजरात विधानसभा में प्रस्तुत की गई पूर्व न्यायाधीश जी.टी. नानावती की अध्यक्षता वाले जांच आयोग की रिपोर्ट के 200 पृष्ठों वाले पहले हिस्से में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्दोष घोषित कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी अथवा उनके मंत्रिमंडल के किसी अन्य सदस्य के हिंसा में शामिल होने के सबूत नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक हिंसक भीड़ द्वारा दो कोचों में आग लगा दिए जाने से कोच संख्या एस-6 में 25 महिलाओं और 15 बच्चों समेत 59 लोगों की मौत हो गई थी। इन कोचों में यात्रा कर रहे अधिकांश लोग विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्य थे जो उत्तरप्रदेश केअयोध्या से एक अभियान में हिस्सा लेकर लौट रहे थे।

जैसे ही गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य बेईमानी का आरोप लगाते हुए बाहर चले गए।

इस हादसे के बाद प्रदेश भर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में 1,169 लोगों की जान गई थी जिसमें अधिकांश एक खास समुदाय के थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बोगी को जलाने के लिए 140 लीटर पेट्रोल खरीदा गया था। रिपोर्ट के अनुसार गोधरा के अमन गेस्ट हाउस में मौलवी उमरजी के नेतृत्व में यह षड़यंत्र रचा गया था जिसका उद्देश्य था क्षेत्र में आतंक फैलाना।

रिपोर्ट के मुताबिक रजाक कुरकुर और सलीम पानवाला ने 26 फरवरी को 140 लीटर पेट्रोल खरीदा। शौकत लालू, इमरान शेरी, रफीक, सलीम जर्दा, जाबिर और सिराज बाला भी ट्रेन को जलाने में शामिल थे।

राज्य सरकार द्वारा इस दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन मार्च 2002 में किया गया था। आयोग के दूसरे सदस्य पूर्व न्यायाधीश के.जी. शाह की इस वर्ष के आरंभ में मृत्यु हो गई थी। सरकार ने उनकी जगह पूर्व न्यायाधीश अक्षय मेहता की नियुक्ति की थी।

उल्लेखनीय है कि नानावती आयोग के निष्कर्ष रेल मंत्री लालू प्रसाद द्वारा गठित एक अन्य जांच आयोग से एकदम उलट हैं। पूर्व न्यायमूर्ति यू.सी.बनर्जी की अध्यक्षता वाले उस आयोग ने कहा था कि ट्रेन में आग दुर्घटनावश लगी थी और इसके पूर्व नियोजित होने के कोई सुबूत नहीं हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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