बैंक कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का व्यापक असर (राउंडअप)
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिग्रहण, विलय और निजीकरण के विरोध में देशभर के लगभग 50 हजार बैंक शाखाओं के आठ लाख से भी ज्यादा कर्मचारियों के राष्ट्रव्यापी दो दिवसीय हड़ताल का बुधवार को व्यापक असर देखा गया। कई जगह एटीएम में नकदी खत्म हो जाने से लोगों को काफी परेशानी हुई।
देश के ज्यादातर हिस्सों से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हड़ताल की वजह से बैंकों की तमाम शाखाओं में कोई काम नहीं हो सका।
चंडीगढ़ के एक होटल व्यवसाई निशांत जैन ने कहा, "बैंक ऋण की मंजूरी के लिए कुछ जरूरी कागजात हमें जमा करने थे। लेकिन हड़ताल की वजह से हम ऐसा नहीं कर पाए।"
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और जम्मू कश्मीर से आई खबरों के मुताबिक वहां हड़ताल का व्यापक असर हुआ है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के अध्यक्ष राजेन नागर ने कहा, "बैंकों में कामकाज ठप हो गया है। हड़ताल खत्म होने के बाद हम एक साथ बैठेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।"
'युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन' (यूएफबीयू) के बैनर तले की गई इस हड़ताल में एआईबीईए भाग ले रहा है।
नागर ने कोलकाता में आईएएनएस से कहा कि सार्वजनिक, निजी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया है।
बैंक कर्मचारी 1949 के 'बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट' में संशोधन का भी विरोध कर रहे हैं। संशोधन के बाद शेयरधारकों को वोटिंग का बराबर का अधिकार मिल जाएगा।
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) के महासचिव एस. नागराजन के मुताबिक महाराष्ट्र में करीब साढ़े सात हजार शाखाओं के लगभग एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
उड़ीसा में 50 हजार से अधिक बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। यद्यपि, राज्य सरकार से संबंद्ध बैंकों और निजी बैंकों में कामकाज सुचारू रूप से चल रहा था।
बेंगलुरू में मैसूर बैंक सर्किल पर सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर में हड़ताल का व्यापक असर रहा लेकिन ग्रामीण और सहकारी बैंक खुले हुए थे।
उत्तरप्रदेश में हड़ताल के कारण 55 राष्ट्रीयकृत बैंकों की 15000 शाखाओं में ताले लटकते नजर आए। इस दौरान लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
लखनऊ में भारतीय स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष के.के. सिंह ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि इसमें सभी सरकारी बैंकों, पुराने निजी बैंकों और विदेशी बैंकों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
एटीएम सुविधाओं को बैंक हड़ताल से अलग रखा गया है लेकिन माना जा रहा है कि गुरुवार को एटीएम में नकदी की परेशानी आ सकती है।
उधर, मध्यप्रदेश में भी इस हड़ताल का व्यापक असर हुआ। बैंकों की शाखाओं में ताले लटके रहे और कामकाज पूरी तरह ठप रहा।
हड़ताल के पहले दिन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, रीवा सहित प्रदेश के सभी जिलों में बैंकिंग कार्य पूरी तरह ठप रहा। प्रदेश के सभी जिलों में बैंक कर्मचारियों ने सभाएं कर रैलियां निकाली और सरकार की नीतियों की आलोचना की।
उल्लेखनीय है मंगलवार को मुख्य श्रम आयुक्त एस. के. मुखोपाध्याय और यूएफबीयू के नेताओं के बीच बातचीत विफल हो गई थी। इसके बाद सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना तय हो गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।