सिंगुर को अलविदा कहने की तैयारी में नैनो परियोजना (राउंडअप)
कोलकाता, 25 सितम्बर (आईएएनएस)। टाटा मोटर्स ने अपनी महत्वाकांक्षी 'नैनो' परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन का मसला न सुलझते देख पश्चिम बंगाल में हूगली जिले के सिंगुर स्थित निर्माणाधीन उत्पादन संयंत्र से महत्वपूर्ण उपकरण हटाना शुरू कर दिया है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि सिंगुर में जमीन विवाद के मामले को लेकर राज्य सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद टाटा ने यह परियोजना पश्चिम बंगाल से बाहर ले जाने का मन बना लिया है।
टाटा मोटर्स के अधिकारियों ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है, हालांकि कोलकाता में मौजूद कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि फैसले से राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया है।
संयंत्र से उपकरणों को हटाए जाने के बारे में टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रियों का कहना है कि जमीन विवाद के मसले पर निर्णय लिया जाना फिलहाल बाकी है।
राज्य के उद्योग मंत्री निरूपम सेन ने मंगलवार को कहा, "यह वास्तविकता है कि सिंगुर परियोजना के फिर से शुरू होने की उम्मीद दिन ब दिन धुमिल होती जा रही है। हमने एक पैकेज की पेशकश की है, अब आगे का फैसला टाटा मोटर्स को करना है। हमें बेहतर नतीजे की उम्मीद करनी चाहिए।"
इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने उन किसानों के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत पर जोर दिया है, जिनकी जमीन औद्योगिक परियोजनाओं के लिए ले ली जाती है।
गांधी ने कहा, "वैसे लोगों के प्रति हमें अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लानी चाहिए, जिन्होंने औद्योगिक परियोजना के बुनियादी ढांचा और आवासीय जरूरतें पूरी करने के लिए अपनी जमीन गंवाए हैं। यह जानते हुए कि उद्योगों को जगह चाहिए होता है।" वे कोलकाता में आयोजित 'सेकंड ग्रीन रिवोल्यूशन सम्मिट एंड एक्सपो' के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
इस मौके पर किसानों के लिए जमीन के महत्व को रेखांकित करते हुए गांधी ने कहा, "जमीन सीमित है, बहुमूल्य है, किसानों और उनके परिजनों के लिए इसका खास महत्व होता है। जमीन अवैयक्तिक नहीं होती। शेयरों की तरह इनकी खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती।"
गौरतलब है कि दुनिया की सबसे सस्ती एक लाख रुपये कीमत वाली कार 'नैनो' को बाजार में उतारने के लिए टाटा मोटर्स ने दो वर्ष पहले हूगली जिले के सिंगुर में फैक्ट्री बनाना शुरू किया था। लेकिन इस परियोजना के लिए जमीन के अधिग्रहण को लेकर उठे विवाद के तूल पकड़ने की वजह से इस महीने की दो तारीख से निर्माणाधीन फैक्ट्री में कामकाज ठप पड़ा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।