उत्तरप्रदेश में कर वृद्धि के फैसले का उद्योगों ने किया विरोध
लखनऊ, 24 सितंबर(आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पिछले सप्ताह मूल्य संवर्धित कर (वैट) को बढ़ाए जाने के फैसले का भारतीय उद्योग एसोसिएशन (आईआईए) ने बुधवार को विरोध किया है। एसोसिएशन के मुताबिक सरकार द्वारा वैट 4 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी लागू करने के बाद प्रदेश में उद्योग पूरी तरह तबाह हो जाएगा।
आईआईए के अध्यक्ष परवीन सदाना ने कहा कि मोबाइल, कम्प्यूटर, मशीनरी, प्लास्टिक, सूखे मेवे, हरी चाय जैसी वस्तुओं पर 4 फीसदी की दर से लगने वाला वैट जब 12.5 फीसदी लागू हो जाएगा तो उपभोक्ताओं को इन वस्तुओं को खरीदने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सोचना चाहिए कि क्या कोई भी व्यक्ति अतिरिक्त कर देकर इन उत्पादों की खरीद प्रदेश के बाजारों से क्यों करना चाहेगा। उन्होंने कहा कि इससे मिलने वाले अतिरिक्त कर की बात तो दूर, वर्तमान में सरकार को जितना राजस्व मिल रहा है उसकी भी हानि होगी।
परवीन सदाना ने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य के उद्योग चौपट हो जाएंगे जिससे करीब 1.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
बड़े पैमाने पर की गई यह कर वृद्धि महीने में 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने के उद्देश्य से हुई है। बताया जा रहा है छठा वेतन आयोग के लागू होने के बाद राज्य सरकार पर 5400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इसी भार को कम करने के लिए सरकार ने वैट दरें बढ़ाने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है सरकार ने तमाम वस्तुओं पर 2 फीसदी का प्रवेश कर भी लगाने का फैसला किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।