खरलांजी दलित हत्याकांड : छह को मौत की सजा, दो को आजीवन कारावास (लीड-1)
भंडारा (महाराष्ट्र), 24 सितम्बर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के भंडारा जिले की एक अदालत ने बुधवार को चर्चित खरलांजी दलित हत्याकांड मामले में दोषी करार दिए गए आठ लोगों में से छह को मृत्युदंड और दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाईहै।
इस मामले में अदालत ने 15 सितम्बर को आठ लोगों को दोषी करार दिया था। 29 सितंबर 2006 को दलित किसान भैयालाल भातमांगे के परिवार पर करीब 50 लोगों की भीड़ ने हमला कर उनकी पत्नी सुरेखा, बेटी प्रियंका और दो बेटे सुधीर और रोशन को पीट-पीटकर मार डाला था।
मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोपी बनाए गए 47 लोगों में से केवल 11 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने 15 सितंबर के अपने फैसले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था और षड्यंत्र रचने और जुल्म ढाहने के आरोपों को भी खारिज कर दिया था।
प्रथम तदर्थ सत्र न्यायाधीश एस.एस. दास ने 20 सितंबर को सजा के बारे में सुनवाई की। विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने की पैरवी की थी।
बचाव पक्ष के वकीलों सुदीप जायसवाल और नीरज खांडेवाले ने इस घटना को क्षणिक आवेश का परिणाम बताते हुए और दोषियों के पिछले साफ-सुथरे रिकार्ड को देखते हुए न्यायालय से सजा में नरमी बरतने का आग्रह किया था।
बचाव पक्ष के वकीलों ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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