दिन में 3 किलो हरी मिर्च खा जाती हैं जोशना और शांति
मोंडारमोनी (पश्चिम बंगाल), 24 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के एक तटवर्ती गांव के मछुआरे जतिन साधु की पांच वर्षीया बेटी जोशना और सात वर्षीया शांति दूसरे बच्चों से बिल्कुल जुदा हैं।
मोंडारमोनी (पश्चिम बंगाल), 24 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के एक तटवर्ती गांव के मछुआरे जतिन साधु की पांच वर्षीया बेटी जोशना और सात वर्षीया शांति दूसरे बच्चों से बिल्कुल जुदा हैं।
जिस उम्र में बच्चे चॉकलेट और चिप्स खाने की जिद करते हैं, उस उम्र में जोशना और शांति दिन में तीन किलो हरी मिर्च खा जाती हैं।
अपनी बेटियों की इस अनोखी आदत के बारे में जतिन ने आईएएनएस को बताया, "शांति ने दो वर्ष की उम्र में ही मिर्च खानी शुरू कर दी थी, जबकि जोशना ने चार वर्ष की उम्र में पहली मिर्च खाई थी। दोनों ने कभी नहीं कहा कि उन्हें मिर्च तीखी लगती है। अब तो आलम यह है कि दोनों हर दिन मिलकर 2 से 3 किलो मिर्च खा जाती हैं।"
जतिन ने बताया कि उनकी बेटियां मिर्च ऐसे खाती हैं मानों वे टॉफी या रसदार फल खा रही हों। मजेदार बात यह है कि अपनी बेटियों का शौक पूरा करने में जतिन को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि उनके बहनोई अरुण मंडल मिर्च की खेती करते हैं।
पड़ोसियों का मानना है कि जोशना और शांति को किसी तरह का वरदान प्राप्त है, नहीं तो क्या कारण है कि उन्हें मिर्च जरा भी तीखी नहीं लगती।
हैरान कर देने वाली इस आदत से छुटकारा दिलाने के लिए जतिन अपनी बेटियों को लेकर स्थानीय चिकित्सक के पास भी जा चुके हैं, लेकिन चिकित्सक ने दोनों को पूरी तरह तंदरूस्त बताया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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