क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

प्रधानमंत्री ने कहा, करार को लेकर हूं आशांवित (लीड-3)

By Staff
Google Oneindia News

एयर इंडिया के विशेष विमान से, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। परमाणु करार को अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी दिलाने के लिए बुश प्रशासन की जारी कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनको आशा है कि इसी यात्रा के दौरान करार को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। उनकी अमेरिका की यह यात्रा शनिवार को खत्म हो रही है।

एयर इंडिया के विशेष विमान से फ्रैंकफर्ट से न्यूयार्क जा रहे प्रधानमंत्री से पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या वे अपनी इस यात्रा के दौरान करार को अंतिम रूप दिए जाने को लेकर आश्वस्त हैं तो उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि करार को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।"

हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि यह अमेरिकी कांग्रेस पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, "मैं आशांवित हूं कि यह होगा। काफी कुछ अमेरिकी कांग्रेस पर निर्भर करेगा।"

वर्ष 1930 की आर्थिक मंदी के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आगे देखते हैं, यह स्पष्ट नहीं है। वे (अमेरिका) वैश्विक वित्तीय स्थिति से जुझ रहे हैं।"

मनमोहन सिंह गुरुवार को वाशिंगटन में व्हाइट हाऊस में राष्ट्रपति जार्ज बुश से मुलाकात करेंगे और भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए तमाम मुद्दों पर बातचीत करेंगे। यदि अमेरिकी कांग्रस उस दिन तक करार को अपनी मंजूरी दे देती है तो दोनों नेता गुरुवार को इससे पूरा कर लिए जाने की घोषणा कर सकते हैं। यद्यपि, 123 करार पर बाद में विदेश मंत्रियों के स्तर पर या फिर परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रमुखों के स्तर पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री के सम्मान में बुश व्हाइट हाऊस में एक विशेष रात्रि भोज का आयोजन करेंगे।

उधर, अमेरिका में आए वित्तीय संकट से राष्ट्रपति चुनाव सहित सब कुछ प्रभावित हुआ है। ऐसे में इसकी संभावना है कि कांग्रेस परमाणु करार पर मंजूरी को टाल दे।

हालांकि, इस बारे में एक राय नहीं कि कैसे 123 भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते के रास्ते में वित्तीय संकट का असर पड़ेगा। कुछ का मानना है कि करार को पूरा किए जाने से अमेरिकी परमाणु कंपनियों के लिए अरबों डालर के व्यापार का रास्ता खुल जाएगा और हजारों अमेरिकियों को नौकरी मिलेगी।

प्रधानमंत्री से जब यह पूछा गया कि अगले कुछ दिनों में करार को अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी नहीं मिलने पर क्या उनको निराशा होगी तो उन्होंने कहा, "जीवन में हर किसी को निराशा के साथ जीना सिखना चाहिए लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि हमारे सामने ऐसी स्थिति आएगी।"

आईएएनएस ने जब उनसे पूछा कि काफी राजनीतिक शक्ति छोंकने के बावजूद अंतिम क्षणों में करार को पूरा नहीं किए जाने की स्थिति में वे कैसा महसूस करेंगें तो उन्होंने कहा, "मैं ज्योतिषी नहीं हूं। आगे देखते हैं क्या होता है।"

मनमोहन अपने 10 दिवसीय विदेश यात्रा के क्रम में फ्रांस भी जाएंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X