परमाणु सौदे को अमलीजामा पहनाने की कोशिश (राउंडअप)
वाशिंगटन, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के न्यूयार्क दौरे के दौरान भारत-अमेरिकी परमाणु करार पर अमेरिकी कांग्रेस की मुहर लगवाने की भरपूर कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सीन मैककॉर्मैक ने मंगलवार को न्यूयार्क में कहा, "हम वह सबकुछ कर रहे हैं, जो किया जाना संभव है।"
इस बीच सीनेट की विदेशी मामलों से संबद्ध समिति ने भारत-अमेरिकी परमाणु करार को स्वीकृति दे दी है। सीनेट की इस स्वीकृति को सिंह की यात्रा के दौरान परमाणु करार पूरा किए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सीनेट की विदेश संबंध समिति ने मंगलवार दोपहर हुई अपनी बैठक में समझौते को दो के मुकाबले 19 मतों से मंजूरी दे दी। केवल विस्कोसिन और कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट सीनेटरों रसेल फिनगोल्ड तथा बारबरा बॉक्सर ने इसके विरोध में मतदान किया।
फिनगोल्ड द्वारा भारत को परमाणु ईंधन के पुन: प्रसंस्करण की प्रौद्योगिकी बेचने पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए लाया गया एकमात्र संशोधन भी 15 के मुकाबले चार मतों से रद्द हो गया।
सीनेट की समिति के इस कदम से परमाणु करार अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी पाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है। लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति इस पर कब निर्णय लेगी।
अमेरिकी कांग्रेस के सत्र के 26 सितंबर को स्थगित होने के पहले बुश प्रशासन आर्थिक संकट से निपटने के लिए 700 अरब डॉलर के प्रस्ताव को भी स्वीकृत करवाना चाहता है। भारत-अमेरिका परमाणु सौदे की राह में यह एक और बड़ी बाधा है, क्योंकि बुश प्रशासन और अधिकांश अमेरिकी सांसदों का ध्यान इसी मुद्दे पर लगा हुआ है।
आशंका व्यक्त की जा रही है कि गंभीर आर्थिक संकट से निपटने के लिए अमेरिकी कांग्रेस का सत्र एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। भारत के साथ परमाणु करार को अभी कुछ समय के लिए टालकर अमेरिकी कांग्रेस चार नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों के बाद एक अस्थायी सत्र में अन्य लंबित मामलों के साथ इस पर विचार कर सकती है।
हालांकि मनमोहन सिंह अपनी यात्रा समाप्त होने के पहले ही परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर काफी आशान्वित हैं। फ्रैंकफर्ट से न्यूयार्क रवाना होते समय उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम समझौते के पूरा होने को लेकर आशान्वित हैं। यह काफी हद तक अमेरिकी संसद पर निर्भर करता है, वे (अमेरिकी)आर्थिक संकट से काफी चिंतित हैं।"
उधर, भारतीय मूल का अमेरिकी समुदाय ने कांग्रेस सत्र के 26 सितम्बर को स्थगित होने से पहले करार को मंजूर किए जाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है। पूरे अमेरिका से भारतीय समुदाय के नेता मंगलवार को 'ए डे ऑफ एडवोकेसी' के अवसर पर वाशिंगटन में इकट्ठा हुए।
भारतीय समुदाय के सभी राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों के समूह 'अमेरिका-भारत मित्रता परिषद' ने इसका आयोजन किया था।
समूह के संयोजक स्वदेश चटर्जी ने कहा, "यह परमाणु समझौते के पक्ष में हमारे 'वाशिंगटन चलो' अभियान का हिस्सा है। इसे हम दो वर्ष पहले से (जब हाइड एक्ट पर मतदान नहीं हुआ था) चला रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।