खुफिया तंत्र का सियासी इस्तेमाल बंद होना बेहद जरुरी : ब्रजेश मिश्रा
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा मानना है कि देश की खुफिया एजेंसियों का राजनीति इस्तेमाल हर हालत में रुकना चाहिए। उनका कहना है कि खुफिया एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। जब तक इनके राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक नहीं लगेगी, तब तक देश में आतंकवादी घटनाओं पर लगााम लगना मुश्किल है।
नई दिल्ली, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा मानना है कि देश की खुफिया एजेंसियों का राजनीति इस्तेमाल हर हालत में रुकना चाहिए। उनका कहना है कि खुफिया एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। जब तक इनके राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक नहीं लगेगी, तब तक देश में आतंकवादी घटनाओं पर लगााम लगना मुश्किल है।
मिश्रा ने यह बातें आईएएनएस से एक खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा, "कुछ खुफिया एजेंसियां हैं, जिनका कि राजनीतिक इस्तेमाल होता है। इन एजेंसियों के लोग लगे रहते हैं कि किस पार्टी में क्या चल रहा है, कौन किसके खिलाफ है और कौन क्या बोल रहा है। खुफिया विभाग के लोग अपने निहित स्वार्थो के चलते भी नेताओं को जानकारियां उपलब्ध कराते हैं।"
उन्होंने कहा, "अंग्रेजों के जमाने में भी यह सब चलता था। लेकिन अब हमारे यहां लोकतंत्र है, इसके बावजूद इनका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में खुफिया विभाग में काम करने वालों के पास समय कहां है कुछ और करने का। खुफिया तंत्र के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ देश में क्रांति होनी चाहिए।"
मिश्रा कहते हैं, "हाल के दिनों में हुई आतंकवादी घटनाओं के बाद एक बार फिर से खुफिया तंत्र पर सवाल उठने लगे हैं। असफल होने के आरोप उन पर लगते रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि जो हमारी खुफिया एजेंसियां हैं, उनकी कार्यशैली का स्तर घटा है। तभी तो आज सामान्य जानकारियां आती है कि दिल्ली में विस्फोट होने वाले हैं, अहमदाबाद में होने वाला है। लेकिन ठोस खबरें नहीं आती कि विस्फोट कब और कहां होने हैं।"
उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून तो होने ही चाहिए, एक जांच एजेंसी भी होनी चाहिए। लेकिन इन सबमें राजनीतिक दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पोटा बहाल किए जाने की मांग पर मिश्रा ने कहा कि पोटा आ जाने से कोई जादू नहीं हो जाएगा। संघीय एजेंसी के साथ ही सख्त कानून भी बनाना पड़ेगा लेकिन साथ ही पूरे पुलिसिया तंत्र को पुनर्गठित करने की जरूरत है।
देश की मौजूदा आंतरिक स्थिति पर चिंता जताते हुए मिश्रा ने कहा कि पिछले चार-पांच सालों में देश के अलग अलग कोने में, बड़े बड़े शहरों में आतंकवादियों ने हमले किए हैं। पहले तो यह सब कश्मीर में ही होता था, लेकिन अब सारे देश में हो रहा है। ऐसे में यह कहना लाजिमी है कि आंतरिक सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब है और इस स्थिति के लिए पूरा तंत्र ही जिम्मेदार है, जिसका कि पतन हो चुका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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