गाजियाबादः जीपीएफ़ घोटाले की सीबीआई जांच
न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत, न्यायमूर्ति वी एस सिरपुरकर और न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की पीठ ने इस घोटाले की जांच की निगरानी करने के याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुये सीबीआई को इस मामले में तीन महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सीबीआई तीन महीने के भीतर सक्षम न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट पत्र पेश करने के लिये स्वतंत्र है और वह अदालत उस रिपोर्ट पर कानून के अनुसार अगे बढ़ सकता है।
इस घोटाले के मुख्य आरोपी गाजियाबाद जिला अदालत ट्रेजरी के पूर्व खजांची आशुतोष अस्थाना ने घोटाले के लाभार्थियों में 36 न्यायाधीशों के नाम बताये हैं जिनमें उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के 11 न्यायाधीश और गाजियाबाद जिला एवं सत्र अदालत के 24 जज के नाम शामिल है।
सीबीआई द्वारा वर्तमान न्यायाधीश से पूछताछ करने के बारे में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अब तक किसी भी न्यायाधीश को इस घोटाले में आरोपी नहीं बनाया गया है और न्यायाधीशों को आरोपी बनाये जाने के बाद मानदंड में परिवर्तन किये जायेंगे।
न्यायालय
ने
सोलिसिटर
जनरल
जी
ई
वाहनवती
को
इस
घोटाले
के
उन
आरोपियों
के
नामों
की
सूची
सौंपने
को
कहा
जो
गाजियाबाद
जिला
अदालत
के
कर्मचारी
थे।