मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में याद आएंगे प्रमोद महाजन
भोपाल, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्यप्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव पार्टी की एकजुटता के साथ कारगर प्रबंधन के बल पर जीता था। इसमें पार्टी के तत्कालीन महासचिव प्रमोद महाजन की अहम भूमिका रही थी। आगामी विधानसभा चुनाव महाजन की गैरमौजूदगी में लड़ी जाएगी। तब भाजपा को उस प्रबंधन महारथी की बहुत याद आएगी।
मध्यप्रदेश में आपातकाल के बाद हुए विधानसभा चुनाव के बाद वर्ष 2003 का पहला ऐसा चुनाव था जिसमें कांग्रेस को जनता ने पूरी तरह खारिज कर दिया था। इस चुनाव में भाजपा की जीत की वजह कांग्रेस के खिलाफ जन आक्रोष तो था ही साथ में भाजपा की एकजुटता और कुशल प्रबंधन की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका थी।
महाजन ने भाजपा में प्रबंधन की नई परिभाषा न केवल गढ़ी थी, बल्कि उसे अमल में भी लाया था। पिछले चुनाव में महाजन ने अपनी प्रबंधन क्षमता का पूरा परिचय देते हुए पार्टी के भीतर असंतोष पनपाने की कोशिश करने वालों को नियंत्रित रखा था।
दो साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुके महाजन ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए मजबूत टीम जुटाई थी जो मुकाबले में कमजोर थे। आखिर में भाजपा ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस का ऐसा सफाया किया जो राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान से परे था।
मध्यप्रदेश में फिर विधानसभा के चुनाव करीब आ गए हैं। राजनीतिक पार्टियों में उम्मीदवारों के चयन और भावी रणनीति बनाने का दौर जारी है। ऐसे में भाजपा को प्रमोद महाजन की कमी साल रही है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता उमा शंकर गुप्ता भी मानते हैं कि पार्टी को महाजन की कमी खलेगी। वे कहते हैं कि अब वे दुनिया में नहीं रहे, इसलिए उन पर ज्यादा चर्चा तो नहीं की जा सकती लेकिन उनकी याद आना लाजिमी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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