बदहाल हैं देश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
नई दिल्ली, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। देश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी)और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) की स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनमें चिकित्सका विशेषज्ञों के करीब 50 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं।
वाणिज्य और उद्योग संगठन एसोचैम के अनुसार लगभग 4,500 सीएचसी में शल्य चिकित्सकों के 59.2 फीसदी ,प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञों के 46 फीसदी , फिजीशियंस के 56.6 फीसदी और बालरोग विशेषज्ञों के 51.9 फीसदी पद खाली पड़े हैं।
सीएचसी में जहां चिकित्सकों के पद खाली हैं वहीं स्वास्थ्य कर्मियों का हाल भी कुछ खास अच्छा नहीं। यहां महिला स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आवंटित पदों में से लगभग 8.8 फीसदी रिक्त पद पड़े हैं।
आंकड़ों के अनुसार पीएचसी में महिला स्वास्थ्यकर्मियों के 13.8 फीसदी पद और पुरुषों के 22.1 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। और तो और 5.6 प्रतिशत पीएचसी ऐसे हैं जहां चिकित्सक ही नहीं हैं।
देश के अधिकतर सीएचसी किराए या फिर सामाजिक संगठनों के आवासों में चल रहे हैं। दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए 66,382 भवनों के निर्माण कराए जाने की आवश्यकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**