दिल्ली में तीन संदिग्ध आतंकवादी गिरफ्तार, छह की तलाश (राउंडअप)
नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में पिछले दिनों हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के सिलसिले में रविवार को तीन अन्य संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को 14 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस को अब इस गुट के बाकी छह सदस्यों की तलाश है।
पुलिस जांच में एक अहम बात यह निकलकर आई है कि विस्फोट मामले में जिस 13 सदस्यीय संदिग्ध आतंकवादियों के दस्ते का खुलासा हुआ है, उस गिरोह के सदस्य 'मोस्ट वांटेड' बनना चाहते थे।
पुलिस का कहना है कि इन्हीं 13 लोगों ने पिछले वर्ष उत्तरप्रदेश और इस वर्ष जयपुर, अहमदाबाद और नई दिल्ली में विस्फोटों को अंजाम दिया था।
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए एक आतंकवादी शकील ने करोल बाग के भीड़भाड़ वाले बाजार में बम रखने की बात स्वीकार की है।
पुलिस ने रविवार को आतंकवादियों से पूछताछ के बाद कहा कि पकड़े गए आतंकवादी 13 सदस्यीय एक दस्ते के सदस्य थे और उनका इरादा दक्षिणी दिल्ली के एक बड़े बाजार नेहरू प्लेस में विस्फोट करने का था।
मोहम्मद शकील, जिया-उर-रहमान और शकीर निसार नामक इन आतंकवादियों को पुलिस ने शनिवार की रात छापा मार कर 13 सितम्बर के विस्फोटों के सिलसिले में पकड़ा था।
जामिया नगर के जिस मकान में पांच आतंकवादियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी उसके 'केयरटेकर और जिया-उर-रहमान के पिता अब्दुल रहमान को भी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। रहमान पर फ्लैट के मालिक ने किराएदारों के सत्यापन फार्म पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने बताया कि रहमान ने जामिया नगर के बटला हाउस में एल-18 मकान की व्यवस्था की थी। इसमें शुक्रवार को मारे गए दो आतंकवादियों सहित पांच आतंकवादी पिछले दो महीने से रह रहे थे।
दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एच.जी.एस. धालीवाल ने रविवार को कहा, "मारे गए आतंकवादी आतिफ अमीन ने शकील के साथ अपनी योजना पर बातचीत की थी। उसने पुलिस को बताया कि आतिफ ने नेहरू प्लेस में 20 बम विस्फोट की साजिश रची थी।"
इन गिरफ्तारियों के साथ ही दिल्ली में 13 सितम्बर को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के संबंध में गिरफ्तार आतंकवादियों की संख्या पांच हो गई है। मुठभेड़ में मारे गए आतिफ को इन धमाकों का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। शकील जामिया विश्वविद्यालय में एम.ए अर्थशास्त्र का विद्यार्थी है।
पुलिस के अनुसार ये आतंकवादी दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद में मई से सितम्बर के बीच हुए धमाकों के लिए जिम्मेदार हैं।
उधर पुलिस ने खुलासा किया है कि जामिया नगर में एल-18 मकान से जब्त किए गए लैपटाप में से जो तस्वीरें मिली हैं उसमें उनकी तस्वीरों पर 'मोस्ट वांटेड' लिखा हुआ था।
दिल्ली पुलिस विशेष सेल के संयुक्त आयुक्त करनैल सिंह ने कहा, "हमें लैपटाप में कुछ ऐसी तस्वीरें मिली हैं जिनके ऊपर 'मोस्ट वांटेड' लिखा हुआ है।"
उन्होंने कहा कि सैफ, आरिफ और साजिद की तस्वीरों पर ऐसा लिखा मिला है। इन सभी की उम्र लगभग 20 वर्ष है और सभी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ हैं।
उन्होंने कहा कि एक तस्वीर विस्फोटक की मिली है जिस पर लिखा है 'अहमदाबाद'।
सिंह ने कहा कि लैपटाप से कुछ और तस्वीरें भी मिली हैं जिससे पुष्टि होती है कि अहमदाबाद विस्फोट के पीछे इसी दस्ते का हाथ था।
पुलिस का कहना है कि मोहम्मद शकील उस 13 सदस्यीय दस्ते को धार्मिक प्रवचनों के माध्यम से उकसाने का काम करता था जिन्हें दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर में हुए धमाकों का जिम्मेदार माना जा रहा है।
बुलंदशहर का रहने वाला 24 वर्षीय शकील रविवार को गिरफ्तार तीन संदिग्ध आतंकवादियों में शामिल है।
दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एच.जी.एस. धालीवाल ने रविवार को कहा, "शकील उस 14 सदस्यीय दस्ते को धार्मिक प्रवचन देने का काम करता था। वह इतना विश्वसनीय था कि मास्टरमाइंड आतिफ अपनी योजनाओं के बारे में उससे चर्चा करता था।"
पुलिस के मुताबिक वह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एम.ए. अर्थशास्त्र के अंतिम वर्ष का विद्यार्थी था।
धालीवाल ने बताया कि उसके पास से ढेर सारी किताबें जिसमें कुरबानी का जिक्र है, बरामद हुआ है। इसके अलावा उसके पास से 'बेचारा और बेबस भारत' शीर्षक वाली इंडिया टुडे (हिंदी) बरामद हुई है।
पुलिस ने बताया कि वे प्राय: विस्फोटों के बाद इस बात की चर्चा करते थे कि किसका बम फटा और किसका नहीं। शकील ने अहमदाबाद में एक साइकिल बम रखने की बात भी स्वीकारी है।
इससे पहले पुलिस ने जामिया नगर के मुठभेड़ स्थल से आतिफ का लैपटाप भी जब्त किया है जिसमें ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें हैं।
दिल्ली में 13 सितंबर को हुए सिलसिलेवार विस्फोट में 24 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।