मध्यप्रदेश में कुपोषण पर रक्षात्मक हुई सरकार
भोपाल, 22 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौत के मामले में सरकार रक्षात्मक हो चली है। सरकार के प्रवक्ता और लोक निर्माण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश में कुपोषण के साथ बच्चों की मौत को भी स्वीकारते हैं, मगर इन मौतों की वजह कुपोषण मानने को तैयार नहीं हैं।
पिछले तीन माह से हो रही बच्चों की मौत पर सरकार की ओर से सोमवार को विजयवर्गीय ने पहली बार पत्रकारों के बीच आकर सफाई दी। उन्होंने सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि प्रदेश में 48 हजार बच्चे कुपोषित हैं। साथ ही वे तर्क देते हैं कि उनकी सरकार ने कुपोषण को रोकने के लिए कारगर पहल की है।
विजयवर्गीय मानते हैं कि खंडवा के खालवा विकास खंड में 53 और सतना में 40 बच्चों की मौत हुई। इसके बावजूद बच्चों की हो रही मौत का सीधे तौर पर उनके पास कोई जवाब नहीं था। वे बच्चों की मौत की मूल वजह खून की कमी और दीगर बीमारियों को बताते रहे।
एक सवाल के जवाब में विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी सरकार ने कभी भी कुपोषण की स्थिति को छुपाया नहीं है। खंडवा और सतना के जिन इलाकों में मौतें हुई हैं वे आदिवासी बाहुल्य है। विजयवर्गीय बताते हैं कि इन आदिवासियों की ऐलोपैथी इलाज में न तो रुचि है और न ही वे विश्वास करते हैं। यही वजह है कि बीमार बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने सरकार द्वारा कुपोषण रोकने के लिए चलाई जा रही बाल संजीवनी योजना और शक्तिमान योजना का ब्योरा दिया। साथ ही कहा कि इसका लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पर संतोष जताया और कहा कि इन केंद्रों से सिर्फ दलिया और डबल रोटी का ही वितरण नहीं हो रहा है, बल्कि बीस तरह के व्यंजन बांटे जा रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।