नेपाल में पशुबलि के लिए सरकारी वित्तीय सहायता रोकने पर संघर्ष भड़का
काठमांडू, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। नेपाल में पारंपरिक पशुबलि के लिए सरकारी सहायता रोकने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के बाद राजधानी काठमांडू के अधिकांश हिस्सों में रविवार को बंद रहा।
काठमांडू घाटी के वास्तविक निवासी माने जाने वाले 'नेवार' समुदाय के हजारों लोगों ने बलपूर्वक दुकानों, शैक्षणिक संस्थाओं और मुख्य बाजार को बंद कराने के साथ ही पुराने शहर में यातायात ठप कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही टायर जलाकर कई स्थानों पर सड़कें भी जाम कर दी।
सरकार ने हिंसा को फैलने से रोकने के लिए सैकड़ों अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया लेकिन उनको भी भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो रहा था।
यह विवाद शुक्रवार रात को नेवार समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक इंद्र जात्रा के दौरान भड़का। प्रदर्शनकारियों ने जीवित देवी कुमारी की रथयात्रा को रोककर नेपाली राष्ट्रपति रामबरन यादव को उनका आर्शीवाद ग्रहण करने से रोक दिया।
परंपरा के अनुसार राष्ट्र का शासक अगले वर्ष भी शासन करने के लिए देवी कुमारी से आर्शीवाद प्राप्त करता है। करीब 400 साल पहले आरंभ हुई इस परंपरा के भंग होने का यह पहला अवसर है।
पिछले साल राजा ज्ञानेंद्र ने देवी कुमारी का आशीर्वाद ग्रहण किया था।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सरकार ने कहा कि वह बढ़ते सरकारी खर्च में कटौती के लिए देश भर में कई त्यौहारों के अवसर पर की जाने वाली पशुबलि के लिए धन नहीं देगी।
स्थानीय मीडिया के अनुसार सरकार के इस निर्णय से पूरे देश भर में सभी बड़े त्यौहार प्रभावित होंगे।
पिछले साल सरकार ने करीब 1.23 करोड़ नेपाली रुपये पशुबलि के लिए और विभिन्न त्यौहारों के आयोजनों पर 5.4 करोड़ नेपाली रुपये खर्च किए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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