टाटा का जाना पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा नुकसान होगा : प्रणब
कोलकाता, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना के पश्चिम बंगाल से बाहर चले जाने की स्थिति में इस राज्य को काफी नुकसान होगा।
मुखर्जी ने कोलकाता से लगभग 220 किलोमीटर दूर मुर्शिदाबाद जिले में रविवार को कहा, "यदि टाटा मोटर्स हमारे राज्य से बाहर चली जाती है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा। यह पश्चिम बंगाल के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।"
उन्होंने कहा, "कृषि और औद्योगिक सुधारों के बीच कोई आपसी विरोध नहीं है। दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।"
सिंगुर में मौजूदा गतिरोध पर चिंता जताते हुए मुखर्जी ने कहा, "यदि हम आधुनिक सभ्यता में विकास करना चाहते हैं तो हमें दोनों (कृषि व उद्योग) में संतुलन बनाना होगा। मौजूदा परिस्थितियों में हम न तो कृषि की उपेक्षा कर सकते हैं और न ही उद्योगों की जरूरत को नकार सकते हैं।"
गौरतलब है कि दुनिया की सबसे सस्ती एक लाख रुपये कीमत वाली कार 'नैनो' को बाजार में उतारने के लिए टाटा मोटर्स ने दो वर्ष पहले हूगली जिले के सिंगुर में फैक्ट्री बनाना शुरू किया था। लेकिन इस परियोजना के लिए जमीन के अधिग्रहण को लेकर उठे विवाद के तूल पकड़ने की वजह से लगभग एक महीने से निर्माणाधीन फैक्ट्री में कामकाज ठप पड़ा है।
नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और किसानों के संगठन कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।
राज्य सरकार ने हाल में स्थानीय समाचार पत्रों में एक विज्ञापन दिया था। इसमें नैनो परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानों के लिए छह बिंदुओं वाले मुआवजा पैकेज की पेशकश की गई थी।
इस पैकेज के मुताबिक प्रभावित किसानों के परिजनों को परियोजना क्षेत्र के अंदर से 70 एकड़ जमीन लौटाने की पेशकश की गई थी।
सरकार ने ताजा पैकेज में किसानों को पहले दी गई मुआवजे की राशि का 50 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा देने की भी पेशकश की थी। हालांकि किसान अब भी परियोजना क्षेत्र के अंदर से 300 एकड़ जमीन लौटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।