प्रधानमंत्री के पैनल ने की अलग विनिर्माण नीति की मांग
नई दिल्ली, 20 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा गठित शीर्ष पैनल ने फिलहाल सुस्त पड़ चुके विनिर्माण क्षेत्र के लिए अलग से नीति बनाए जाने की मांग की है।
इस पैनल ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट पेश किया। इसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए अलग नीति की जरूरत को यह कह कर उचित ठहराया गया है कि इससे देश में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "विनिर्माण नीति यह सुनिश्चित करेगी कि विनिर्माण क्षेत्र के विकास और रोजगार सृजन के लक्ष्यों की प्राप्ति के विभिन्न पहलुओं पर सरकार ध्यान दे।"
देश के विनिर्माण क्षेत्र ने इस वर्ष जुलाई में 7.5 प्रतिशत की दर से विकास किया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस क्षेत्र ने 8.8 प्रतिशत की दर से विकास किया था। गौरतलब है कि विनिर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास का इंजन होता है।
प्रधानमंत्री द्वारा गठित पैनल के प्रमुख वी. कृष्णमूर्ति ने छोटी और मध्यम अवधि की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र के 12-14 प्रतिशत विकास का लक्ष्य रखा है। उन्होंने लंबी अवधि के लिए इस दर को 10 प्रतिशत तक सीमित रखा है।
कृष्णमूर्ति राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता परिषद (एनएमसीसी) के अध्यक्ष हैं।
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "पिछले 20 वर्षो के दौरान विनिर्माण क्षेत्र ने औसतन 7-7.5 प्रतिशत की दर से विकास किया है।" उल्लेखनीय है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 5.6 प्रतिशत होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।