दिल्ली पुलिस के जांबाज सिपाही थे शर्मा (लीड-1)
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। राजधानी के जामियानगर इलाके में शुक्रवार की सुबह हुई पुलिस मुठभेड़ में शहीद हुए निरीक्षक मोहन चंद शर्मा दिल्ली पुलिस के जांबाज सिपाहियों में शुमार किए जाते थे।
दिल्ली पुलिस को अक्सर जब भी खतरनाक मिशन पर जाना होता था तो सबसे पहले शर्मा को याद किया जाता था। शुक्रवार को भी यही हुआ। लेकिन इस दफा वे मौत को चकमा नहीं दे पाए। बुलेट प्रुफ जैकेट पहने बगैर ही शर्मा आतंकवादियों से भिड़ गए थे। इससे पहले, गुरुवार की रात वे डेंगू की चपेट में आए अपने बेटे से मिलने अस्पताल गए थे।
दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें लीं। उन्हें चार गोलियां लगी थीं। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शर्मा की मौत को बड़ा नुकसान बताया है।
44 वर्षीय शर्मा को मुठभेड़ विशेषज्ञ माना जाता था। अपनी बहादुरी के लिए उन्हें छह वीरता पुरस्कार मिल चुके थे। उन्होंने वर्ष 1989 में दिल्ली पुलिस में बतौर उप निरीक्षक काम करना प्रारंभ किया था। जल्द ही उन्होंने अपनी बहादुरी से पुलिस महकमे में अपनी विशेष पहचान बना ली। उनके प्रदर्शन को देखते हुए 1995 में उन्हें पदोन्नति देकर निरीक्षक बना दिया गया।
शर्मा की बहादुरी को देखते हुए उन्हें जम्मू कश्मीर में एक विशेष आपरेशन को अंजाम देने के लिए भी भेजा जा चुका था। शर्मा की मौत के बाद पुलिस महकमे में शोक का माहौल है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य कई नेताओं ने शर्मा की मौत पर अपनी संवेदना जताई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।