दिल्ली मुठभेड़ : पुलिस ने कहा, दिल्ली विस्फोट के मास्टर माइंड को मार गिराया (राउंडअप)
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाके जामियानगर में हुई एक मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया और एक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य संदिग्ध आतंकवादी फरार होने में कामयाब रहे।
मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के शार्पशूटर इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा बुरी तरह घायल हुए हैं उन्हें तीन गोलियां लगी हैं। एक कांस्टेबल की बांह में भी गोली लगी है।
पुलिस के मुताबिक मारे गए आतंकवादियों में 13 सितम्बर के सिलसिलेवार धमाकों का मास्टर माइंड आतिफ भी शामिल है।
जामियानगर इलाके में शुक्रवार को मुठभेड़ खत्म होने के बाद इलाके में लोग उमड़ने लगे। एक मस्जिद से लोगों को शांति बनाए रखने की अपील भी की गई। यहां सुबह करीब साढ़े दस बजे से आतंकवादियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की मुठभेड़ शुरू हुई। संदिग्ध आतंकवादी इलाके की एक चारमंजिली इमारत में छुपे थे।
पुलिस के अनुसार आतंकवादियों के छुपने की जगह से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के दो जवान भी घायल हो गए।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त वाई. एस. डडवाल ने कहा, "आतिफ इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख सदस्यों में से था। वह आजमगढ़ का रहने वाला था और दिल्ली धमाकों की योजना और बम बनाने में शामिल था।" उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी यहां पिछले दो महीनों से रह रहे थे।
इंडियन मुजाहिदीन का संबंध प्रतिबंधित संगठन 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया' (सिमी) से बताया जाता है और पुलिस के मुताबिक दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर और हैदराबाद में हुए आतंकवादी हमलों में इसी का हाथ है।
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के संयुक्त आयुक्त करनल सिंह ने बताया, "एल-18 नंबर मकान में पांच संदिग्ध छुपे थे, जिनमें से दो मारे गए और दो संदिग्ध फरार होने में कामयाब रहे जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया गया।"
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों में से एक का नाम आतिफ जबकि दूसरा साजिद बताया गया है। गिरफ्तार आतंकवादी का नाम सैफ बताया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो और पुलिसकर्मियों ने एक मकान में आतंकवादियों के छुपे होने के सुराग के आधार पर जामियानगर इलाके में छापा मारा था।
एक प्रत्यक्षदर्शी मसीर आलम ने बताया कि दो घंटे तक गोलीबारी चली। उसने दो शव देखे, जिसके चेहरे तुरंत ढक दिए गए। मुठभेड़ शुरू होने के तुरंत बाद जामियानगर इलाके में तनाव फैल गया। पूरे इलाके में 5,000 से अधिक से सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया था।
स्थानीय लोगों को सड़कों पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भी देखा गया। कई लोगों ने इसे 'फर्जी मुठभेड़' करार दिया। गौरतलब है कि यह मुठभेड़ राजधानी में हुए सिलसिलेवार धमाकों के छह दिन बाद हुई है, जिसमें 24 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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