दिल्ली मुठभेड़ : शर्मा की मौत पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने शोक जताया
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। राजधानी के जामियानगर इलाके में शुक्रवार की सुबह आतंकवादियों के साथ हुई पुलिस की मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की शहादत पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
पाटिल ने राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया।
शर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "शर्मा बहादुर अधिकारी थे। अपने पूरी कैरियर में उन्होंने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और कई बार उन्हें वीरता पुरस्कारों से भी नवाजा गया। वे जीवन भर हमारे सुरक्षा बलों के लिए प्रेरणा बने रहे और इस शहादत के बाद भी वे एक मिसाल बने रहेंगे।"
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शर्मा के निधन पर अपने शोक संदेश में कहा, "उन्होंने पूरी बहादुरी के साथ आतंकवादियों का सामना किया और देश की सेवा में अपनी बलि दे दी। उनकी बहादुर परिवार के साथ हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई पूरे संकल्प के साथ जारी रहेगी।"
लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी 'होली फैमिली' अस्पताल में शर्मा को देखने गए थे। उन्हें नहीं मालूम था कि शर्मा का निधन हो चुका है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मुझे नहीं मालूम था कि जब मैं इस बहादुर अधिकारी से मिलने आउंगा तो मुझे उन्हें श्रद्धांजलि देनी पड़ेगी।"
गौरतलब है कि शर्मा बुलेट प्रुफ जैकेट पहने बगैर आतंकवादियों से भिड़ गए थे। इससे पहले, गुरुवार की रात वे डेंगू की चपेट में आए अपने बेटे से मिलने अस्पताल गए थे।
दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें लीं। उन्हें चार गोलियां लगी थीं।
44 वर्षीय शर्मा को मुठभेड़ विशेषज्ञ माना जाता था। उन्हें छह वीरता पुरस्कार भी मिले थे। उन्होंने वर्ष 1989 में दिल्ली पुलिस में बतौर उप निरीक्षक कैरियर की शुरुआत की थी। जल्द ही उन्होंने पुलिस महकमे में अपनी विशेष पहचान बना ली। उनके प्रदर्शन को देखते हुए वर्ष 1995 में उन्हें पदोन्नति देकर निरीक्षक बना दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।