नैनो परियोजना के पक्ष में एकजुट हो विपक्ष : बसु (लीड-2)
कोलकाता, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु ने शुक्रवार को विपक्ष से अपील की कि वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता छोड़कर 'टाटा मोटर्स' के विश्वस्तरीय 'नैनो परियोजना' के पक्ष में राज्य सरकार का सहयोग करें।
एक बयान में 94 वर्षीय वयोवृद्ध नेता ने कहा, "मैं नैनो परियोजना का विरोध करने वाले तमाम लोगों से अपील करता हूं कि वे राजनीति से ऊपर उठकर राज्य की जनता के हित में इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरी करने में राज्य सरकार का सहयोग करें।"
ज्योति बसु का बयान कोलकाता के साल्ट लेक स्थित उनके निवास पर माकपा सचिव बिमान बोस से उनकी मुलाकात के बाद जारी किया गया।
बयान में बसु ने कहा, "पश्चिम बंगाल के विकास और औद्योगिकरण के लिए कार फैक्ट्री परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि यह परियोजना पूरी हो जाती है, तो राज्य में रोजगार सृजन के परिदृश्य में सुधार होगा।"
उन्होंने सिंगुर के उन किसानों से भी सरकार की ओर से घोषित मुआवजा पैकेज स्वीकार करने की अपील की, जिन्होंने यह पैकेज ठुकरा दिया है और जमीन लौटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
उन्होंने चिंता जताई कि यदि नैनो परियोजना पश्चिम बंगाल से बाहर चली गई तो इससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की साख प्रभावित होगी। उन्होंने कहा, "दूसरी ओर यदि यह परियोजना पश्चिम बंगाल में पूरी हो जाती है, तो इससे राज्य में निवेश बढ़ेगा।"
गौरतलब है कि कोलकाता से लगभग 40 किलोमीटर दूर हूगली जिले के सिंगुर में एक लाख रुपये कीमत वाली कार नैनो के निर्माणाधीन उत्पादन संयंत्र का काम फिलहाल ठप पड़ा है।
इस परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और किसानों के संगठन कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।
सत्ताधारी वाम मोर्चे ने किसानों की मांग मानने से इंकार कर दिया है और उनके लिए मुआवजे के नए पैकेज की घोषणा की है, लेकिन ज्यादातर किसानों ने यह पैकेज स्वीकार करने से मना कर दिया है।
इस बीच टाटा मोटर्स एक लाख रुपये कीमत वाली नैनो कार का उत्पादन संयंत्र पश्चिम बंगाल से बाहर कहीं दूसरी जगह ले जाने का विकल्प तलाश रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।