परमाणु समझौते को सीनेट से मंजूरी संभव, प्रतिनिधि सभा में अभी संशय
वाशिंगटन, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिका में सीनेट की विदेश मामलों की समिति गुरुवार को भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु समझौते की राह से एक और बाधा दूर कर सकती है।
वाशिंगटन, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिका में सीनेट की विदेश मामलों की समिति गुरुवार को भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु समझौते की राह से एक और बाधा दूर कर सकती है।
लेकिन जब तक प्रतिनिधि सभा की विदेश समिति के अध्यक्ष हावर्ड बेरमैन भी ऐसा ही कदम नहीं उठाते, तब तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश की 25 सितम्बर को प्रस्तावित बैठक के पहले समझौते के पूरा होने की आशा नहीं है।
डेमोक्रेटिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष जॉय बिडेन ने गुरुवार को विदेश विभाग के तीसरे शीर्ष अधिकारी राजनीतिक मामलों के 'अंडर सेकेट्ररी' विलियम जे. बर्न्स को 123 समझौते पर होने वाली सुनवाई में बुलाया है।
आशा की जा रही है समिति न केवल समझौते को सीनेट से मंजूरी के लिए प्रस्तावित करेगी, बल्कि यह किसी विधेयक को सुनवाई के लिए स्वीकार किए जाने के लिए आवश्यक 30 दिन की अनिवार्य सीमा में भी छूट देगी।
समझौते को प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और सीनेट में बहुमत के नेता हैरी रीड सहित दोनों दलों के महत्वपूर्ण नेताओं का समर्थन हासिल है।
बेरमैन भी भारत के साथ समझौते का समर्थन करते हैं लेकिन एनएसजी से भारत को मिली छूट को लेकर, विदेशमंत्री कोंडोलिजा राइस के कड़े प्रयास के बावजूद उनकी कुछ शंकाएं अभी बरकरार हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।