नहीं होगी तरलता की कमी:चिदंबरम
नई दिल्ली, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक संकट को देखते हुए देश में ऋण संबंधी प्रावधानों में थोड़ी कड़ाई की जा सकती है लेकिन सरकार आवश्यक होने पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी।
चिदंबरम ने कहा, "भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे सभी बैंक बेहद मजबूत हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लेहमन ब्रदर्स से कोई सीधा संबंध नहीं है।"
चिदंबरम ने भारत में टाटा-एआईजी संयुक्त उद्यम से संबंधित आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि लेहमन के मामले की तुलना अमेरिकन इंटरनेशनल ग्रुप (एआईजी) से नहीं की जा सकती।
चिदबंरम ने कहा, "बीमा नियामक संस्था के अध्यक्ष ने टाटा से बात की है और आश्वस्त किया है कि टाटा-एआईजी को देय सभी भुगतान किए जाएंगे।"
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने ये बातें उस समय कही हैं जब अमेरिकी प्रशासन व्यवसायिक बैंक लेहमैन ब्रदर्स के धराशाई होने के बाद उपजे वित्तीय संकट से जूझ रहा है। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की है कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए देश की आर्थिक विकास दर आठ फीसदी के आसपास रहेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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