अमेठी में बच्चों को कमरे में बंद करने के मामले में प्रधानाध्यापिका निलंबित
अमेठी, 17 सितंबर(आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय परिसर के कमरों में 200 बच्चों को 10 घंटे तक बंद रखने के मामले में गुरुवार को प्रधानाध्यापिका सुधा रानी को निलंबित कर उनका वेतन रोकने का आदेश दिया गया है।
मामले से जुड़े अन्य तीन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि अमेठी के जिरहा स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुधा रानी के बटुए से मंगलवार को 200 रुपये गायब हो गए थे। इसके बाद उनके शक के आधार पर शिक्षकों ने स्कूल के सभी 200 बच्चों को विभिन्न कमरों में बंद कर दिया। सुधा रानी का आरोप था कि रुपये बच्चों ने चुराए हैं।
करीब 10 घंटे बाद बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल के दरवाजे और खिड़कियां तोड़कर बच्चों को मुक्त कराया। इस दौरान भूख और प्यास से 12 बच्चे बेहोश हो गए थे।
सुल्तानपुर के बेसिक शक्षिा अधिकारी (बीएसए) एम.सिद्दीकी ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि घटना की जांच में सभी बच्चे निर्दोष पाए गए। प्रधानाध्यापिका के बच्चों के साथ किए गए इस अमानवीय व्यवहार को देखते हुए उनको निलंबित कर उनका वेतन रोक दिया गया है। विद्यालय के तीन अन्य शिक्षकों साधना सिंह, विमला कुमारी और प्यारे लाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले दीपक के पिता राकेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि जब बच्चे घर नहीं आए तो वह स्कूल गए। स्कूल के कमरे का दृश्य दिल दहला देने वाला था। एक छोटे से कमरे में 70 बच्चों को बंद करके रखा गया था। मैंने देखा कि मेरा बेटा दीपक बेहोश पड़ा है।
एक अन्य अभिभावक मदन द्विवेदी ने बताया कि जब वह कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो उनकी 7 साल की बेटी स्वाति बच्चों के बीच में दबी हुई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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