मध्यप्रदेश में गरीबों के दरवाजे पर पहुंचेंगे बैंक
भोपाल, 16 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि बैंक ही उनके दरवाजे तक पहुंचेगा। इस अभिनव प्रयोग की शुरूआत राजधानी भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद की झुग्गी बस्ती गंगा नगर से हुई है।
वित्तीय समावेशन नाम के इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत मंगलवार को अपेक्स बैंक ने की।
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के ग्रामीण क्षेत्र के निराश्रित आदिवासी एवं शहरी क्षेत्र के झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब और अशिक्षित परिवारों को आधुनिक बैंकिंग सुविधा उपलबध कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसकी शुरूआत आन्ध्रप्रदेश के वारंगल जिले से हुई। अब यह सुविधा मध्यप्रदेश पहुंची है।
मध्यप्रदेश में इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक राजेश वर्मा ने कहा कि यह एक अभिनव प्रयोग है जो बैंकिंग सेवा के इतिहास में नया अध्याय जोड़ेगा। देश के हर वर्ग की बैंकिंग प्रणाली में भागीदारी हो इसी को ध्यान में रखकर जीरो मास पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। इसका मकसद गरीबों को आर्थिक प्रगति से जोड़ने के साथ उनमें बचत की भावना बढ़ाना है। उन्होंने आठ रहवासियों को स्मार्ट कार्ड प्रदान कर बैंकिंग सेवा से जोड़ा।
इस व्यवस्था में खातेदारों को जो स्मार्ट कार्ड दिया गया है, उसमें एक चिप लगी होगी जिसमें उसकी उंगलियों के निशान दर्ज रहेंगे। एक पर्सनुमा मोबाइल मशीन एक कर्मचारी के पास उपलब्ध रहेगी। जिस पर उंगली का निशान दर्ज करते ही खाते का ब्यौरा सामने आ जाएगा और खातेदार राशि को निकाल व जमा कर सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।