कम नहीं हुईं सायमंड्स की मुश्किलें
सिडनी, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम से बाहर किए गए हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू सायमंड्स ने भले ही अपने व्यवहार के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली है, लेकिन इससे उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।
आस्ट्रेलिया के समाचार पत्र 'सिडनी मार्निग हेराल्ड' में प्रकाशित एक लेख में वरिष्ठ क्रिकेट स्तंभकार एलेक्स ब्राउन लिखते हैं कि माफी मांगने के बावजूद सायमंड्स को राष्ट्रीय टीम में स्थान बनाने के लिए कई दिक्कतों से जूझना होगा।
ब्राउन के मुताबिक सर्वप्रथम सायमंड्स टीम में अपना स्थान खो चुके हैं और यह स्थान हासिल किया है कि उन्हीं के बराबर क्षमता रखने वाले हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटसन ने। भारत दौरे में अगर वॉटसन चमकदार प्रदर्शन करने में सफल रहे तो फिर सायमंड्स के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं क्योंकि चयनकर्ता टीम में उसी खिलाड़ी को रखना चाहेंगे जो खेल में भी अच्छा हो और व्यवहार कुशल भी हो।
ऐसे में चयन प्रमुख एंड्रयू हिलडिच का विश्वास जीतने के लिए सायमंड्स को आने वाले घरेलू सत्र में बिल्कुल वैसा ही प्रदर्शन करना होगा, जैसा कि उन्होंने पिछले एक वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया है। इसके अलावा सायमंड्स को घरेलू सत्र में अपनी प्रांतीय टीम क्वींसलैंड का भी भरोसा जीतना होगा।
सायमंड्स को सबसे बड़ी मुश्किल राष्ट्रीय टीम के कोच टिम निल्सन का विश्वास जीतने में आएगी, क्योंकि माफीनामे के बाद भी निल्सन सायमंड्स के बारे में बात तक करने को तैयार नहीं हैं।
समाचार पत्र ने निल्सन के हवाले से लिखा है, "फिलहाल मैं सायमंड्स के चयन को लेकर कोई बात नहीं करना चाहता। मेरा ध्यान सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों पर है, जो टीम में हैं। यह बहुच अच्छी बात है कि सायमंड्स को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने एक सकारात्मक संदेश दिया है, लेकिन मैं उनकी वापसी की संभावनाओं के बारे में कोई बात नहीं कर सकता।"
उल्लेखनीय है कि डार्विन में बांग्लादेश के साथ खेली गई तीन मैचों की एकदिवसीय श्रंखला के दौरान टीम बैठक और अभ्यास सत्र में हिस्सा नहीं लेकर अनुशासन भंग करने वाले सायमंड्स ने सोमवार को कहा था कि वे अपने व्यवहार के लिए शर्मिदा हैं और फिर से अपने क्लब, प्रांत और राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना चाहते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।