खरलांजी मामले में 8 दोषी करार
भंडारा, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की एक निचली अदालत ने सोमवार को राज्य के भंडारा जिले के खरलांजी गांव में करीब दो वर्ष पहले एक दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या के मामले में आठ व्यक्तियों को दोषी करार दिया।
न्यायालय ने तीन लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि ये हत्याएं जातीय विद्वेष का परिणाम नहीं थीं।
करीब 50 लोगों की एक उन्मादी भीड़ ने 29 सितम्बर 2006 को दलित किसान भैयालाल भोतमांगे के मकान पर हमला करके उसकी पत्नी सुरेखा, पुत्री प्रियंका और दो बेटों दिलीप और रोशन की हत्या कर दी थी।
खचाखच भरे सत्र न्यायालय में अपने निर्णय में अतिरिक्त तदर्थ सत्र न्यायाधीश एस.एस.दास ने गोपाल सकरू बिंजेवार, सकरू महगू बिंजेवार, शत्रुघ्न ईसाम धांदे, विश्वनाथ हगरू धांदे, रामू मंगरू धांदे, जगदीश रतन मंडेलकर, प्रभाकर जसवंत मंडेलकर और शिशुपाल धांदे को दोषी करार दिया।
उन्होंने महिपाल अंतू धांदे, धर्मपाल विश्वनाथ धांदे और पुरुषोत्तम बिसान तीतरमारे को बरी कर दिया।
न्यायाधीश ने कहा कि वे दोषियों को 20 सितम्बर को सजा सुनाएंगे।
इन क्रूर हत्याओं को शुरू में गांव के एक झगड़े के परिणाम के रूप में देखा गया। पर बाद में इस हत्याकांड ने दलित उत्पीड़न के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
इस मुद्दे के राजनीतिक रूप अख्तियार करने के बाद राज्य सरकार ने पहले इसकी जांच सीआईडी और फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी। राज्य सरकार ने कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में चार पुलिस अधिकारियों और तीन चिकित्सा अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया था।
जांच के बाद सीबीआई ने घटना में शामिल 46 लोगों में से 11 के खिलाफ तदर्थ सत्र न्यायाधीश एस. एस. दास की अदालत में 27 दिसम्बर 2006 को आरोप पत्र दाखिल किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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