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भारत-अमेरिका परमाणु समझौता सितम्बर में सम्पन्न होने की राह पर (लीड-1)

By Staff
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वाशिंगटन, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक असैनिक परमाणु समझौता राष्ट्रपति जार्ज बुश द्वारा कांग्रेस से इसे मंजूरी के आग्रह और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के समझौते को समर्थन देने के संकेत के बाद सितम्बर में सम्पन्न होने की राह पर है।

वाशिंगटन, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक असैनिक परमाणु समझौता राष्ट्रपति जार्ज बुश द्वारा कांग्रेस से इसे मंजूरी के आग्रह और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के समझौते को समर्थन देने के संकेत के बाद सितम्बर में सम्पन्न होने की राह पर है।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति जार्ज बुश ने परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) और मिसाइल टेक्नोलाजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) के निर्देशों के प्रति भारतीय प्रतिबद्धता की सूचना देते हुए कांग्रेस से अमेरिका-भारत परमाणु समझौते को मंजूरी देने का आग्रह किया है।

एनएसजी और एमटीसीआर के निर्देशों के प्रति भारतीय प्रतिबद्धता के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि विदेशमंत्री प्रणब मुखर्जी ने पांच सितम्बर को जारी बयान में जुलाई 2005 में राष्ट्रपति बुश और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के संयुक्त बयान के प्रति भारतीय प्रतिबद्धता पर फिर से जोर दिया था।

18 जुलाई 2005 को जारी संयुक्त बयान में भारत ने एनएसजी और एमटीसीआर के निर्देशों के अनुरूप निर्यात प्रतिबंध के लिए प्रतिबद्धता का वादा किया था।

मुखर्जी ने अपने बयान में कहा था कि भारत ने एनएसजी और एमटीसीआर के निर्देशों के अनुरूप परमाणु सामग्री और तकनीक के निर्यात नियंत्रण के संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं।

इस बीच अमेरिकी कांग्रेस के प्रभावशाली सदस्यों के भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु समझौते को समर्थन देने से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 25 सितम्बर को वाशिंगटन दौरे पर पहुंचने के पहले ही समझौते को कांग्रेस में मंजूरी मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है।

सीनेट में बहुमत दल के नेता हैरी रीड के बाद अब प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेट अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने भी गुरुवार को समझौते को मंजूरी दिए जाने के बारे में संकेत दिए हैं।

पेलोसी का समर्थन राष्ट्रपति जार्ज बुश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अमेरिका आने के निमंत्रण की घोषणा के तुरंत बाद आया है।

कांग्रेस के लिए किसी समझौते को पारित करने के लिए 30 दिनों की अनिवार्य समय सीमा में छूट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,"मैं नहीं चाहती हूं कि इसे अन्य देशों को परमाणु क्लब में शामिल करने के लिए एक उदाहरण माना जाए।"

पेलोसी ने कहा कि नाभिकीय हथियारों का फैलाव रोकना अमेरिकी सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है।

सीनेट में बहुमत दल के नेता हैरी रीड पहले ही समझौते की स्वीकृति के बारे में संकेत दे चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष जॉय बिडेन ने गुरुवार को कहा कि वे अगले हफ्ते तक संभवत: समझौते की समीक्षा कर सकते हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली सीनेट और प्रतिनिधि सभा के महत्वपूर्ण सदस्यों का समर्थन समझौते को इसी सत्र में पारित कराने के लिए बहुत आवश्यक है।

बहरहाल अब केवल प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हावर्ड बेरमैन ने इस पर अपनी कुछ आपत्तियां कायम रखी हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस का मौजूदा सत्र चार नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सदस्यों को प्रचार अभियान में शामिल होने के कारण 26 सितम्बर को स्थगित होने वाला है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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