हट सकता है मक्के के निर्यात पर से प्रतिबंध : पवार
नई दिल्ली, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। कृषि मंत्री शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में बाढ़ के कारण अगर मक्के की फसल बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुई तो अगले महीने तक इसके निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया जा सकता है।
पवार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "हमें बिहार की फसल का इंतजार है। प्रधानमंत्री ने वहां फसलों को हुए नुकसान के आकलन के लिए आज बैठक बुलाई है। अगर कोई खास क्षति नहीं हुई होगी तो मुझे नहीं लगता कि प्रतिबंध हटाने में कोई समस्या आएगी।" उन्होंने कहा कि सस्ती किस्म के चावल के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
सरकार द्वारा लगाए गए प्रारंभिक पूर्वानुमानों के अनुसार बिहार में 2.5 लाख एकड़ कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है। विदेशी बाजारों में मक्के भारी मांग के बाद घरेलू बाजारों में इसकी कीमतों में तेजी आई थी जिसे देखते हुए सरकार ने अक्टूबर के मध्य तक इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पवार ने कहा, "हमें किसानों को बचाना होगा। हमें उनके हितों की देखभाल करनी होगी। हम मक्के पर प्रतिबंध जारी रखना नहीं चाहते हैं। सरकार को किसानों के हित और उपभोक्ताओं के बीच संतुलन कायम करना होगा ताकि कमी से बचा जा सकेगा।"
उन्होंने कहा कि पूसा-1121 के अतिरिक्त गैर बासमती चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने का अभी कोई इरादा नहीं है। गैर बासमती चावल पर इस वर्ष मार्च में प्रतिबंध लगाया गया था।
मंत्री ने कहा कि पूसा-1121 का बाहर अच्छा बाजार होने के कारण उसके निर्यात की छूट दी गई है और इसे चावल की दूसरी किस्मों पर लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने का अभी कोई इरादा नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।