अटल-राजनाथ ने की आडवाणी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील (राउंडअप)
बेंगलुरू, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता व देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने की अपील की है।
देश के सूचना व प्रौद्योगिकी (आईटी) केंद्र के रूप में मशहूर दक्षिण भारत के बेंगलुरू शहर के जगन्नाथराव जोशी सभागार में शुक्रवार को शुरू हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक में अटल ने अपना संदेश भेजकर आडवाणी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं से एकजुट हो जाने की अपील की है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में राजनाथ सिंह ने भी विश्वास जताया कि आडवाणी ही देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, "मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाला कल हमारे अनुकूल होगा और देश के समक्ष जिस विराट व्यक्तित्व को अटलजी की सहमति से प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया है, ऐसे आडवाणी निश्चित ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।"
उन्होंने कहा, "आडवाणी न सिर्फ हम सबके उम्मीद की किरण हैं बल्कि सारा देश उनकी ओर देख रहा है। हम सभी भारत के सुनहरे भविष्य व समृद्धि के लिए एक साथ आगे बढ़ें।"
इससे पहले राजनाथ ने कहा कि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के सिलसिले में अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश द्वारा लिखे गए एक पत्र के खुलासे के बाद एक बार फिर पार्टी की आशंकाएं सही साबित हुई हैं।
उन्होंने कहा, "बुश के पत्र से जो ताजा खुलासा हुआ है, उससे हमारी आशंकाएं पूरी तरह सच साबित हुई हैं। इससे यह भी साबित हुआ है कि तथ्यों को छुपाने का काम अमेरिकी सरकार ने नहीं बल्कि भारत सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जानबूझकर देश व सभी राजनीतिक दलों को और संसद को इस विषय पर गुमराह किया।"
उल्लेखनीय है कि बुश के एक पत्र के सार्वजनिक हो जाने के बाद परमाणु करार के बारे में यह खुलासा हुआ है कि अमेरिका द्वारा भारत को निश्चित ईंधन आपूर्ति करना उसकी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है, बल्कि महज एक राजनीतिक आश्वासन है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि परमाणु परीक्षण करने के हमारे सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं और निश्चित ईंधन आपूर्ति कोई कानूनी रूप से बाध्यकारी भी नहीं रह गया। ऐसे में भारत को अब विचार करना चाहिए कि मौजूदा परमाणु संधि का हमारे लिए क्या अर्थ है।
केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को 'बंधुआ' सरकार बताते हुए राजनाथ ने कहा कि जब भी कोई सरकार अपने सहयोगी दलों की बंधक बन जाए तो वह बंधुआ सरकार बन जाती है।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने हमेशा से संप्रग को अप्राकृतिक गठबंधन कहा है, जो केवल भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए बना था। पहले यह गठबंधन वामपंथियों का बंधक बना अब समाजवादी पार्टी का बंधक बन गया है। कोई भी सरकार जब अपने सहयोगी दल की बंधक बन जाए तो वह बंधुआ सरकार बन जाती है। संप्रग सरकार की यही नियति है।"
विश्वास मत के दौरान हुए 'वोट के बदले नोट मामले' को लेकर संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए राजनाथ ने कहा कि शासनतंत्र को नोटतंत्र में बदलने के कई कारनामे तो कांग्रेस बहुत पहले से करती आ रही है, लेकिन इस बार उसने समूचे लोकतंत्र को नोटतंत्र द्वारा खरीदकर विश्वासमत हासिल किया। ऐसी सरकार तकनीकी दृष्टि से भले ही संसद का विश्वास प्राप्त कर चुकी हो, परंतु वह देश की जनता का विश्वास खो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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