कंधमाल जिले में घर लौटना नहीं चाहते हैं दंगा पीड़ित
भुवनेश्वर, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। उड़ीसा के दंगा प्रभावित कंधमाल जिले में तनाव अभी भी कायम है। हिंसक हमलों के चलते अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हजारों लोग घर लौटने को अनिच्छुक हैं क्योंकि उन्हें अभी भी अपनी जान के लिए खतरा महसूस हो रहा है।
जिले के एक अधिकारी ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, "तकरीबन 20 हजार से अधिक लोग 18 राहत शिविरों में रह रहे हैं। उनमें से कई का कहना है कि वे अभी अपने घरों को वापस लौटना नहीं चाहते हैं क्योंकि वहां उन्हें मारे जाने का डर सता रहा है।"
अधिकारी ने बताया कि हालात अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। कंधमाल के जिला प्रशासन ने राज्य के चुनाव आयोग से शहरी क्षेत्र में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव टालने को कहा है। ये चुनाव 19 सितंबर को होने हैं।
राज्य सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि क्षेत्र की परिस्थितियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और हिंसा की कोई नई घटना नहीं हुई है।
कंधमाल के जिलाधिकारी कृष्णन कुमार ने आईएएनएस से कहा, "स्थिति नियंत्रण में है लेकिन कुछ क्षेत्रों में तनाव की स्थिति बनी हुई है।"
गौरतलब है कि गत 23 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की केंद्रीय मार्गदर्शक समिति के सदस्य स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती और चार अन्य लोगों की अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दिए जाने के बाद उड़ीसा में हिंसा भड़क उठी थी।
पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड के लिए नक्सली जिम्मेदार हैं लेकिन हिंदू संगठनों ने इसके लिए ईसाई समुदाय को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ हिंसक कार्रवाइयां शुरु कर दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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