चौके रोककर भारत को दबाव में लाएगा आस्ट्रेलिया
मेलबर्न, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। अक्टूबर-नवंबर में भारत के साथ खेली जाने वाली चार मैचों की टेस्ट श्रंखला के लिए आस्ट्रेलियाई टीम ने अधिक से अधिक चौके रोककर भारतीय टीम को दबाव में लाने की रणनीति बनाई है।
आस्ट्रेलिया के लिए यह श्रंखला काफी अहम है, यही कारण है कि रणनीतिकार हर उस शख्स की राय ले रहे हैं, जो पिछले भारत दौरों में आस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा रहा है। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं पूर्व कोच जान बुकानन, जिन्हें आस्ट्रेलियाई क्रिकेट का सफलतम रणनीतिकार माना जाता है।
बुकानन ने कहा कि 2004 के भारत दौरे में उन्होंने ग्लेन मैक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी, माइकल कास्प्रोविच और शेन वार्न जैसे महारथी गेंदबाजों का उपयोग करते हुए भारतीय बल्लेबाजों को कम से कम चौके देने की सटीक रणनीति बनाई थी। ऐसा करते हुए आस्ट्रेलियाई टीम भारतीय टीम पर दबाव बनाना चाहती थी।
'फॉक्स स्पोर्ट्स' से बातचीत के दौरान बुकानन ने कहा, "पोंटिंग को ब्रेट ली, स्टुअर्ट क्लार्क, मिशेल जानसन, डफ बोलिंगर और पीटर सिडल का उपयोग कुछ उसी अंदाज में करना होगा, जैसा कि हमने 2004 की श्रंखला में किया था। हमारी रणनीति साफ थी। हमने सीधी गेंद कराने के साथ-साथ लेग साइड के अलावा कैच मिलने वाली जगहों पर अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक खड़े किए थे। हमारा लक्ष्य सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और वी.वी.एस लक्ष्मण जैसे कलाई का उपयोग करने वाले खिलाड़ियों को चौके लगाने से रोकना था।"
बुकानन ने कहा कि वे अपनी रणनीति में काफी हद तक सफल रहे थे और उन्हें आशा है कि इस रणनीति पर चलकर पोंटिंग को भी सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा, "आप अगर सहवाग को चौके लगाने से रोक लेते हैं तो भारत बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर सकता। इसके अलावा कई और बल्लेबाज हैं, जिनकी पारियां मुख्य रूप से चौकों की मदद से शक्ल पाती हैं।"
बुकानन के मुताबिक भारत के स्टेडियमों के अंदर का माहौल भी काफी हद तक दूसरी टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, "वैसे तो हर क्रिकेटर भारत में खेलकर अच्छा महसूस करता है, लेकिन दबाव के क्षणों में वहां ध्यान लगा पाना काफी कठिन होता है।"
बुकानन मानते हैं कि भारत दौरे में तेज गेंदबाज ब्रेट ली काफी अहम किरदार निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, "ब्रेट भारत में कहर बरपा सकते हैं। उन पर काफी दारोमदार होगा। इसके अलावा जानसन और क्लार्क भी चमक बिखेर सकते हैं। हालांकि आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए ज्यादा चुनौती नहीं है, लेकिन उमस और गर्मी में फिटनेस बनाए रखने में मुश्किल होगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।