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सिंगुर विवाद दूर करने के लिए सरकार ने पेश किए 'प्रस्ताव'

By Staff
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कोलकाता, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सिंगुर स्थित टाटा मोटर्स की छोटी कार नैनो के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण विवाद को हल करने के लिए गठित चार सदस्यीय समिति के समक्ष पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से शुक्रवार को 'कुछ प्रस्ताव' पेश किए।

समिति के सदस्य और सिंगुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक रबींद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार ने कुछ प्रस्ताव पेश किए हैं जिसे हम अपने पार्टी प्रमुख (ममता मुखर्जी) तक पहुंचाएंगे। इसके बाद ही इस मुद्दे पर कोई फैसला किया जाएगा।

उन्होंने प्रस्ताव के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम केवल संदेशवाहक हैं। इस मामले में हमारी पार्टी प्रमुख ही फैसला करेंगी।

समिति के सदस्य और पश्चिम बंगाल उद्योग विकास निगम के प्रबंध निदेशक सुब्रत गुप्ता ने कहा कि समिति की बैठक शुरू होने के बाद से हालात सुधरे हैं। उन्होंने कहा कि हमने विपक्षी पार्टी के सदस्यों को कुछ प्रस्ताव दिए हैं।

गुप्ता ने कहा कि टाटा की तरफ से सरकार को कुछ 'फीडबैक' मिले हैं जिस पर हम विपक्षी पार्टी के साथ चर्चा कर रहे हैं।

इससे पहले समिति ने गुरुवार को दूसरे दौर की चर्चा की थी जिसे किसान प्रतिनिधियों ने सौहार्दपूर्ण बताया था। समिति ने बुधवार को सिंगुर जाकर नैनो परियोजना क्षेत्र का मुआयना किया था।

तृणमूल कांग्रेस के रबींद्रनाथ भट्टाचार्य के अलावा इस समिति में किसान नेता बेचाराम मन्ना, पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास कारपोरेशन (डब्ल्यूबीआईडीसी) के प्रबंध निदेशक सुब्रत गुप्ता और हुगली की जिला मजिस्ट्रेट नीलम मीना शामिल हैं।

इस समिति का गठन रविवार को किया गया था। इस समिति को अगले सात दिन के भीतर रिपोर्ट देनी है।

कोलकाता से लगभग 40 किलोमीटर दूर सिंगुर में नैनो परियोजना के लिए सरकार ने कुल 997.11 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस और किसानों के संगठन कृषि जमीं जिबिका रक्षा कमेटी (केजेजेआरसी) का कहना है कि इसमें से 400 एकड़ जमीन किसानों से उनकी मर्जी के खिलाफ ली गई है, लिहाजा यह जमीन उन्हें लौटा दी जानी चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी इस मांग को लेकर पिछले महीने की 24 तारीख को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई थीं। प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित रूप से संयंत्र के कर्मचारियों को डराए-धमकाए जाने की वजह से टाटा मोटर्स ने 28 अगस्त को संयंत्र में कामकाज बंद कर दिया था। लेकिन दोनों पक्षों के बीच रविवार को हुए समझौते के बाद इस विवाद के सुलझने की उम्मीद बढ़ी है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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