कैप्टन पांडे रमजान शुरू होते ही बन जाते हैं रोजेदार
लखनऊ, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। 'इतना तो तेरे दर पर जिंदगी जवाब दे, मंदिर करे सवाल तो मस्जिद जवाब दे..' अकबर इलाहाबादी के इस शेर की हकीकत लखनऊ के कैप्टन एस.के. पांडे में देखी जा सकती है। दुर्गा पूजा में नौ दिन का उपवास रखने वाले कैप्टन पांडे रमजान शुरू होते ही बन जाते हैं रोजेदार।
लखनऊ, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। 'इतना तो तेरे दर पर जिंदगी जवाब दे, मंदिर करे सवाल तो मस्जिद जवाब दे..' अकबर इलाहाबादी के इस शेर की हकीकत लखनऊ के कैप्टन एस.के. पांडे में देखी जा सकती है। दुर्गा पूजा में नौ दिन का उपवास रखने वाले कैप्टन पांडे रमजान शुरू होते ही बन जाते हैं रोजेदार।
लखनऊ स्थित जेल अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान 'संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण केंद्र' के कार्यकारी निदेशक पांडे किसी आम हिंदू की तरह नवरात्र में उपवास तो रखते ही हैं साथ ही रमजान का पवित्र महीना शुरू होते ही रोजेदारों की जमात में शामिल होकर 30 दिन के रोजे भी रखते हैं।
कैप्टन पांडे ने आईएएनएस को बताया, "मेरा हमेशा यह विचार रहा है-अपने धर्म का स्वाभिमान, दूसरे के धर्म का सम्मान। हमें हर धर्म का सम्मान करते हुए उसमें सक्रिय भागीदारी करना चाहिए।" उनके मुताबिक जब तक विभिन्न धर्मो के लोग एक दूसरे के त्यौहार नहीं मनाएंगे तब तक सामाजिक समरसता कायम नहीं हो सकती।
कैप्टन पांडे कहते हैं कि रमजान के दौरान सेहरी के लिए उठकर वह कोई एनर्जी वाला पेय पदार्थ पीकर रोजा रखते हैं और मगरिब की अजान के बाद दुआ पढ़कर रोजा खोलते हैं।
रोजा रखने की शुरूआत कैप्टन पांडे ने 12 वर्ष पहले की थी। तब से वे लगातार हर वर्ष रमजान के महीने में 30 दिन के रोजे रखते हैं। इस दौरान वह कुरान का हिंदी अनुवाद पढ़ते हैं।
कैप्टन पांडे बताते हैं कि शुरूआत में उनके घरवालों ने उनके रोजा रखने पर विरोध जताया लेकिन अब उन्होंने विरोध करना छोड़ दिया है। वे ईद भी उसी तरह मनाते हैं जैसे कि आम मुसलमान मनाता है। इस दिन वह घर में सेवई बनवाते हैं और अपने दोस्तों के घर जाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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