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मनमोहन को बुश का आमंत्रण, 25 सितंबर को बनेंगे मेहमान (लीड-1)

By Staff
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अरुण कुमार

अरुण कुमार

वाशिंगटन, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को कांग्रेस से मंजूरी के अनुरोध के बाद अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति जार्ज बुश ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री 25 सितंबर को व्हाइट हाऊस के मेहमान होंगे। इससे संकेत मिलते हैं कि ऐतिहासिक परमाण करार पूरा होने के कगार पर है।

परमाणु करार को कांग्रेस की मंजूरी के लिए पेश किए जाने के कुछ ही घंटों बाद गुरुवार को व्हाइट हाऊस ने कहा, "शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग के लिए भारत-अमेरिका करार को अपनी मंजूरी देकर राष्ट्रपति खुश हैं।" इस समझौते को 123 करार के नाम से भी जाना जाता है।

व्हाइट हाऊस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस साल करार को क्रियान्वित किए जाने के लिए राष्ट्रपति कांग्रेस के सहयोगात्मक रवैये के प्रति आशान्वित हैं।

इसमें कहा गया है, "इस करार को नियति तक पहुंचाना राष्ट्रपति बुश और प्रधानमंत्री सिंह की प्राथमिकता में है और यह अमेरिका-भारत रणनीति साझेदारी को मजबूती प्रदान करता है।"

इस ऐतिहासिक उपलब्धि से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परमाणु अप्रसार के मुहिम को मजबूती मिलेगी। साथ ही इससे दोनों देशों में आर्थिक और व्यापारिक संभावनाएं पैदा होंगी और इससे भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पूरा किया जा सकेगा।

बयान में कहा गया है कि बुश की नजर 25 सितंबर को व्हाइट हाऊस में प्रधानमंत्री सिंह के स्वागत पर है ताकि दोनों देश कृषि, शिक्षा, व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत बना सकें।

इस बीच करार को कांग्रेस की मंजूरी दिलाने की मूहिम में लगी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस की मुश्किलें कम नहीं हुई है। कांग्रेस की मंजूरी के रास्तें में तीन प्रमुख व्यक्तियों का रुख स्पष्ट नहीं है। पहला प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी, सीनेट में बहुमत दल के नेता डेमोक्रेट हैरी रेड और सदन के विदेश मामलों के समिति के चेयरमैंन हार्वड बरमैन।

हालांकि राइस ने इन तीनों नेताओं से मुलाकात कर करार को बिना किसी अड़ंगे के मंजूरी देने की अपील कर चुकी हैं। लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस के सदस्य करार को मंजूरी दिए जाने के लिए जरूरी सदन के 30 दिनों तक सत्र में रहने की शर्त को छोड़ने पर राजी है या नहीं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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