केवल एक मल्टीप्लेक्स में दिखी 'गुलाबी टॉकीज'
नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। दसवें ओसियान सिनेफैन फिल्म समारोह में 'सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म' का पुरस्कार पा चुकी 'गुलाबी टॉकीज' के निर्देशक कासरवल्ली की फिल्म बेंगलुरू के एक ही मल्टीप्लेक्स में रिलीज की गई है। इस फिल्म का दिन में एक ही शो दिखाया जा रहा है ।
नई दिल्ली, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। दसवें ओसियान सिनेफैन फिल्म समारोह में 'सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म' का पुरस्कार पा चुकी 'गुलाबी टॉकीज' के निर्देशक कासरवल्ली की फिल्म बेंगलुरू के एक ही मल्टीप्लेक्स में रिलीज की गई है। इस फिल्म का दिन में एक ही शो दिखाया जा रहा है ।
इसके बावजूद निर्देशक को इससे शिकायत नहीं है। चर्चित कन्नड़ फिल्म निर्माता गिरीश कर्नाड की 'गुलाबी टॉकीज' कन्नड़ लेखिका वैदेही की पुस्तक 'गुलाबी टॉकीज एंड अदर स्टोरीज' पर आधारित है।
पांच सितम्बर को रिलीज हुई इस फिल्म के निर्देशक कासरवल्ली ने आईएएनएस को फोन पर कहा, "ऐसा नहीं है कि हमारी फिल्म लेने वाला कोई नहीं था, लेकिन हमने किसी और मल्टीप्लेक्स से संपर्क ही नहीं किया। बेंगलुरू में हमने केवल पीवीआर से बात की और वे तैयार हो गए। मेरी पिछली फिल्म 'नाई नैरेलु' भी सिर्फ पीवीआर में ही रिलीज की गई थी।"
कासरवल्ली ने इस बात से इनकार किया है कि मल्टीप्लेक्स ने उन्हें धमकी दी है कि यदि फिल्म दर्शकों को आकर्षित करने में असफल रही तो उसे थिएटर से हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मल्टीप्लेक्स वाले खुश हैं और इस फिल्म को दूसरे हफ्ते लगाने की बात भी कर रहे हैं।
वे मानते हैं कि दिनभर काम करने वाले लोग शाम को ही फिल्में देख सकते हैं, इसलिए अपनी फिल्म को वे केवल 7.30 बजे से 9.45 वाले शो में ही प्रदर्शित करना चाहते हैं।
सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर फिल्में बनाने वाले निर्देशक कासरवल्ली की 'इन द शैडो ऑफ द डॉग' ने वर्ष 2006 के ओसियान में 'स्पेशल जूरी अवार्ड' जीता था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।