भारतीय दवा उद्योग विकास के दूसरे चरण में : डीसीजीआई
मुंबई, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। भरतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डा. सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि भारतीय दवा उद्योग फिलहाल विकास के दूसरे चरण में है और इस क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा, "नीतिगत पहल के तहत सरकार पेटेंट कानून में संशोधन करेगी, नकली दवाओं पर रोक लगाने के उपाय कड़ी करेगी और 3.33 करोड़ डालर अमेरिकी कोष की सहायता से औषधि अनुसंधान एवं विकास (फार्मा आर एंड डी) कोष बनाएगी।"
सिंह मुंबई में बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित छठा फार्मा सम्मिट 2008 'इंडिया फार्मा इंक. - एन इमर्जिग ग्लोबल फार्मा हब' में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, "भारतीय दवा उद्योग के सपने साकार करने के लिए विनियामक के रूप में हम कई उपाय करने का प्रयास कर रहे हैं।"
सिंह ने इस मौके पर देश में दवा उद्योग के विकास के लिए बतौर डीसीजीआई अपनी प्राथमिकताओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए एक ही छत के नीचे तमाम औपचारिकताएं पूरी करने की व्यवस्था की जा रही है। उनका प्रयास है कि आवेदन मिलने के दो से छह सप्ताह के भीतर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो जानी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।