आखिर कौन है आरूषि का असली हत्यारा?
केस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास गया और डा राजेश तलवार और उनके कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया। कृष्णा के नार्को टेस्ट में राजेश तलवार पूरी तरह निर्दोश पाये गये, जिसके चलते उन्हें रिहा कर दिया गया। इस हाई प्रोफाइल केस के पन्ने एक के बाद एक पलटते गये, लेकिन आरूषि और हेमराज के असली हत्यारे का रहस्य आजतक नहीं खुल सका।
नोएडा के इस बहुचर्चित हत्याकांड में अब एक सवाल बचा है। वो यह है कि आखिर मामले में असली हत्यारा कौन है? हत्यारा कहां जा छुपा है कि सीबीआई भी सुराग उसका कोई सुराग नहीं ढूंढ सकी?
सीबीआई ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि वो इस मामले में आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल नहीं करेगी और इसके तीनों आरोपियों की जमानत का भी विरोध नहीं करेगी। यह बात कहकर सीबीआई ने यह साबित कर दिया कि वो इस मामले को सुलझाने में नाकाम हो गई है।
रहस्य बताने वाले को एक लाख का ईनाम
सीबीआई ने इस चर्चित हत्याकांड से जुड़े साक्ष्य का सुराग देने वाले को एक लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की। सीबीआई की उपमहानिरीक्षक नीरजा गोत्रू ने कहा है कि आरूषि मामले की जांच अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत जारी रहेगी। इस मामले में सुराग देने वाले को एक लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
सीबीआई को इस मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद 90 दिन की समयसीमा पूरी होने से पहले यानी 10 सितम्बर तक आरोप पत्र दखिल करना था। सीबीआई ने इस मामले में सबसे पहले 23 मई को आरुषि के पिता डॉक्टर राजेश तलवार को गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में हत्या के आरोपी राजकुमार की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। सीबीआई की विशेष मजिस्ट्रेट सपना मिश्रा की अदालत में बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि सीबीआई के पास राजकुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। लेकिन सीबीआई के वकील ने राजकुमार के फरार होने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि जांच अभी जारी है इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है।
विजय मंडल को चार सितम्बर को जमानत मिल गई थी जबकि कृष्णा की जमानत याचिका पर 19 सितंबर को सुनवाई होगी।