महिला आरक्षण विधेयक आम चुनाव के बाद ही संभव
भोपाल, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। महिला आरक्षण विधेयक 2009 में होने वाले आमचुनाव के बाद ही मूर्त रूप ले पाएगा। यह कहना है कार्मिक, जनहित, विधि व न्याय मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष ई. एम. एस सुदर्शन नचिअप्पा का।
महिला आरक्षण पर चर्चा व सूचना के अधिकार की समीक्षा करने के सिलसिले में दो दिवसीय भोपाल दौरे पर आई संसदीय समिति के अध्यक्ष नचिअप्पा ने कहा, "सभी दल चाहते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक जल्द से जल्द आए, लेकिन इसके बावजूद यह 2009 के आम चुनाव के बाद ही संभव हो पाएगा। क्योंकि इसके क्रियान्वयन से पहले कई सारी औपचारिकताएं पूरी करनी पडें़गी।"
उन्होंने कहा, "एक बार यह विधेयक लागू हो जाएगा तो महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर पाएंगे। हम प्रयास कर रहे हैं कि इस विधेयक पर सभी दलों में सर्वसम्मति बन सके। अन्य पिछड़े वर्गो और अल्पसंख्यकों के लिए थोड़े-बहुत संशोधन इसमें कर दिए जाएं तो अधिकांश दलों को यह मंजूर है।"
उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों और राज्य सरकारों से बात हो चुकी है।
नचिअप्पा ने कहा, "समिति के सदस्यों ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), गैस ऑथरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल), नार्दर्न कोल इंडिया लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का दौरा किया और सूचना के अधिकार के क्रियान्यवयन की समीक्षा की। हमें संतुष्टि है कि ये संस्थान अच्छी तरह से सूचना के अधिकार का क्रियान्वयन कर रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।