शुरू हो गई ब्रह्मांड निर्माण की गुत्थी सुलझाने की प्रक्रिया
जेनेवा, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। ब्रह्मांड निर्माण प्रक्रिया की गुत्थी सुलझाने के लिए अब तक का सबसे महत्वपूर्ण, सबसे खर्चीला और सबसे बड़ा भौतिक प्रयोग सफलतापूर्वक शुरू हो गया। हालांकि वैज्ञानिकों के एक तबके का दावा है कि इस महाप्रयोग से धरती की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
जेनेवा, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। ब्रह्मांड निर्माण प्रक्रिया की गुत्थी सुलझाने के लिए अब तक का सबसे महत्वपूर्ण, सबसे खर्चीला और सबसे बड़ा भौतिक प्रयोग सफलतापूर्वक शुरू हो गया। हालांकि वैज्ञानिकों के एक तबके का दावा है कि इस महाप्रयोग से धरती की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
फ्रांस और स्विट्जरलैंड की सीमा पर स्थित मशहूर 'सर्न' (सीईआरएन) प्रयोगशाला में बुधवार को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 9.30 बजे दुनिया भर के प्रमुख भौतिकविदों ने यह महाप्रयोग शुरू किया। इसमें 10 अरब रुपये की लागत से बनी 'लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर' (एलएचसी) मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सर्न के मुताबिक इस महाप्रयोग के तहत जमीन के नीचे लगभग सौ मीटर की गहराई में 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में प्रोटोन के किरणों को प्रकाश की गति से प्रवाहित किया गया, जो इस सुरंग में मौजूद सर्किट के आठवें हिस्से पर रुक गया।
एलएचसी परियोजना के प्रमुख लीन इवान्स ने कहा, "प्रोटोन किरणें प्रवाहित करने के बाद आंकड़े इकठा करने में लगभग पांच सेकंड का समय लगा।" प्रक्रिया शुरू होने के तुरंत बाद नियंत्रण स्क्रीन पर आंकड़े दिखाई देने लगे।
गौरतलब है कि यह महाप्रयोग ब्रह्मांड विकास प्रक्रिया के 'बिग बैंग' सिद्धांत को प्रयोगशाला में दोहराने की लंबी कवायद है, जिसमें कई घंटे लगेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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