गूगल हुआ 10 साल का, छू रहा नित नई सफलता की बुलंदिया
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो ग्रीक स्नातकों लारी पेज और सर्जे ब्राइन ने जब सर्च इंजन बैकरब की शुरुआत की थी तो उन्हें इस बात का कतई इल्म नहीं था कि यह दुनिया के सबसे बड़े और लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल के रूप में स्थापित हो जाएगा और उन्हें फोर्ब्स के सबसे संपन्न लोगों की सूची में शामिल करा देगा।
यह सर्च इंजन इंटरनेट की दुनिया में अपनी सफलता के 10 वर्ष पूरे कर चुका है। वह वर्ष 1998 की 7 सितंबर की तारीख थी जब पेज और ब्राइन ने कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा रखने वालों के लिए 'सूचना का अभाव' जैसा शब्द ही हमेशा-हमेशा के लिए मिटा दिया था।
भारत में नंबर एक, अमेरिका में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेबसाइट तथा विश्वस्तर पर याहू के बाद दूसरा स्थान हासिल कर चुका गूगल कहने को तो अभी दस साल का बच्चा है लेकिन यह दिन-प्रति-दिन सफलता की नई-नई ऊंचाइयां छू रहा है।
सफलता का आलम यह है कि दस वर्षो में ही इस कंपनी ने अपने राजस्व में तेजी के साथ इजाफा किया है। आंकड़े बताते हैं कि केवल पिछले एक साल में ही गूगल ने 16.5 अरब डालर की कमाई कर ली थी।
1998 में मात्र 10,000 सर्च आवेदन दर्ज कराने वाले गूगल के खाते में वर्ष 2008 में प्रतिदिन 23.5 करोड़ सर्च आवेदनों का रिकार्ड दर्ज हुआ है।
पिछले सप्ताह गूगल ने एक बिल्कुल नया वेब ब्रोसर -क्रोम- जारी किया जो नेट के शौकीनों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है।
कुछ लोगों के लिए तो गूगल इंटरनेट पर किसी भी सामग्री तथा जानकारी को हासिल करने का पर्याय बन चुका है। बच्चों के लिए तो यह उनका दूसरा अध्यापक ही बन बैठा है। बच्चे किसी भी खोज के लिए गूगल के अलावा किसी दूसरे स्रोत पर भरोसा ही नहीं करते।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की जंतु विज्ञान की छात्रा ज्योति कहती हैं कि गूगल की सबसे खास बात यह है कि यह आसान तो है ही साथ ही इसकी गति भी काफी तेज है। यह सामग्रियों को ठीक उसी रूप में आपके सामने ढूंढ लाता है जिस रूप में आपको उसकी जरूरत होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।