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बिहार बाढ़ : तटबंध टूटने के कारणों की जांच स्वतंत्र एजेंसी से : रामविलास (लीड-1)

By Staff
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पटना, 9 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में कोसी नदी समेत सभी नदियों के जलस्तर में कमी जरूर आई है परंतु कटिहार जिले में स्थानीय नदियां अभी भी उफान पर हैं। इस कारण कटिहार में बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। उधर, मंगलवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान ने नेपाल के कुसहा में कोसी के तटबंध टूटने के कारणों की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की बात कही।

मंत्री ने पटना में संवाददाताओं से जांच के विषय में बताया कि यह एक व्यक्ति का सवाल नहीं है बल्कि लाखों लोगों के उजड़ने की बात है। उन्होंने कहा कि राहत कार्य के लिए यहां न धन की कमी है और न अनाज की कमी है परंतु फिर भी राहत कार्य ठीक ढंग से नहीं चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज बाढ़ पीड़ितों को मदद की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी और स्टीज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कई राहत शिविर चलाए जा रहे हैं।

इधर, मंगलवार को ही बाबा रामदेव ने पूर्णिया जिले के बनमनखी में पतंजलि योग शिविर द्वारा चलाए जा रहे बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आज पतंजलि योग शिविर द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए 20 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि योग 30 हजार बाढ़ पीड़ितों का उस समय तक खाने और रहने की व्यवस्था करेगी जब तक इनके पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो जाती।

कटिहार जिले में बरंडी नदी के पानी ने कई गांवों में तबाही मचा रखा है। मधेली और हथवाड़ा पंचायत के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ के पानी के कारण फलका प्रखंड का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बरंडी नदी में आए बाढ़ का पानी कुरसेला और समेली प्रखंड में भी हाहाकार मचाए हुए है।

कटिहार के जिलाधिकारी देवोत्तम वर्मा ने मंगलवार को बताया कि फलका प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को अविलंब राहत कार्य प्रारंभ करने का निर्देष दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।

उधर, सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में कोसी के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक राज्य के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी हो रही है। कोसी, बागमती, घाघरा, महानंदा और गंगा नदियों के जलस्तर में पिछले चौबीस घंटे में छह से चौबीस सेंटीमीटर तक के गिरावट के संकेत हैं। कोसी नदी के बैराज में भी पानी का प्रवाह कम हुआ है। सोमवार की शाम बैराज में पानी का प्रवाह मात्र 6,600 क्यूसेक था।

उधर, बाढ़ प्रभावित जिलों में महामारी की आशंका को देखते हुए बाढ़ प्रभावित जिलों के सिविल सर्जनों (सीएस) को अलग से एक-एक करोड़ की अतिरिक्त राशि मुहैया करायी गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि सरकार सभी बाढ़ प्रभावित रोगियों को दवा और जांच की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करायेगी।

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 423 चिकित्सक तैनात हैं तथा राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से चिकित्सकों की टीम भेजी जा रही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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