नैनो परियोजना काम अभी भी ठप

By Staff
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कोलकाता, 9 सितम्बर: टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना की अधीगृहित भूमि को लेकर विवाद भले ही सुलझ गया हो, लेकिन परियोजना पर काम अभी भी ठप है। सरकार और तृणमूल कांग्रेस के बीच वार्ता के बाद किसानों का धरना सोमवार को समाप्‍त हो गया, लेकिन परियोजना पर कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटे हैं। वो इसलिए क्‍योंकि स्‍वयं टाटा समूह के अधिकारियों ने काम को ठप रखने का निर्देश जारी कर दिया है।

टाटा मोटर्स ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ समझौते का पूरा ब्यौरा जबतक कम्‍पनी को नहीं दिया जाएगा, तबतक काम नहीं शुरू होगा। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि नैनो की सहायक इकाइयों को मुख्य परियोजना स्थल से हटाने की कोई योजना नहीं है।

टाटा के अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार, तृणमूल कांग्रेस और सिंगुर में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद कमेटी गठित की गई है, जिसे एक सप्‍ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करनी है। कमेटी द्वारा मसला पूरी तरह सुलझाये जाने के बाद ही काम शुरू होगा। तबतक कम्‍पनी इंतजार करने को तैयार है।

यही नहीं कम्‍पनी के अधिकारियों के मुताबिक समिति की रिपोर्ट पर संतुष्टि के बाद ही परियोजना फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि नैनो इकाई के लिए सरकार द्वारा अधीगृहित भूमि में से 400 एकड़ भूमि को वापस दिये जाने के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्‍व में सैकड़ों किसान नैनो इकाई के सामने धरने पर बैठ गये थे।

मामले को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ताएं चलीं, जिसमें अंतिम वार्ता रविवार को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य और राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी और राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के बीच हुई, जिसमें तृणमूल कांग्रेस ने सशर्त धरना वापस लिये जाने का निर्णय लिया।

वार्ता के बाद इस मसले पर एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसे एक सप्‍ताह में रिपोर्ट सौंपनी है।

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