रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर रहे हैं बाढ़ पीड़ित
पटना, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार में प्रलयंकारी बाढ़ में अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों ने अब रोजी-रोटी की तलाश में यहां से पलायन शुरू कर दिया है।
इन बाढ़ पीड़ितों को कल तक जान बचाने की चिन्ता थी और अब रोजी-रोटी की चिन्ता सताने लगी है। इन लोगों के चेहरे पर कोसी की बाढ़ से उपजी निराशा और अपना घर छोड़ने का दुख साफ देखा जा सकता है। बाढ़ प्रभावित लोग आर्थिक रूप से इतने कमजोर हो चुके हैं कि बाढ़ में बह चुके मकान को दोबारा बनाने की बात वे तत्काल तो सोच भी नहीं सकते।
सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज निवासी दुर्गानंद ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "कोसी ने इस बार सबकुछ लूट लिया। अब जिंदा रहने के लिए पैसे कमाने ही होंगे और इसके लिए बाहर निकलना होगा।"
पूर्णिया जिले के बनमनखी गांव के निवासी हरिश्चन्द्र साह अपनी पत्नी के साथ पटना में एक रिश्तेदार के घर पिछले दस दिनों से हैं। साह दंपति अब भी बाढ़ की दहशत से नहीं उबर पाए हैं। हरिश्चन्द्र बताते हैं, "होनी को कौन टाल सकता है। अब तो बस जीवन बचाने और पेट भरने की चिन्ता है।" उनका मानना है कि गांव में सबकुछ बर्बाद हो चुका है। लौटकर भी वहां कुछ नहीं किया जा सकता।
हरिश्चन्द्र की आंखों में हताशा साफ देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, "आखिर गांव में अब काम कौन देगा ? काम की कमी के कारण लोगों का बाहर जाना तो अब मजबूरी बन गई है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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